मुंबई, 13 जून (हि. स.)। भारतीय जनता पार्टी के नेता व राज्यसभा सदस्य छत्रपति संभाजी राजे भोसले ने कहा कि नक्सलवादियों को मराठा समाज को सलाह देने की बजाय आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश ने लोकतांत्रिक शासन प्रणाली अंगीकार की है और इसका लाभ सभी को हो रहा है। छत्रपति राजे भोसले ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने नक्सलवादियों की ओर से जारी पत्रक पढ़ा है, जिसमें कहा गया है कि वे मराठा आरक्षण के लिए राजनीतिक लोगों पर विश्वास न करें। इस पत्रक का पत्रक से ही जवाब देते हुए संभाजी राजे ने कहा कि उनके वंशज छत्रपति शिवाजी महाराज भी लोकशाही में विश्वास करते थे, इसी वजह से उन्होंने अष्टप्रधान की रचना की थी। देश ने लोकशाही शासन व्यवस्था को ही अपनाया है। इस शासन व्यवस्था में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। बंदूक से किसी का भला नहीं होने वाला है। इसलिए नक्सलवादियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में आना चाहिए। उल्लेखनीय है कि नक्सलवादियों ने पत्रक जारी कर कहा था कि मराठा आरक्षण के लिए छत्रपति संभाजी राजे को राजनेताओं पर विश्वास नहीं करना चाहिए। राजनेताओं को दलाल बताते हुए इसमें कहा गया था कि किसी भी स्थिति में ये लोग मराठा आरक्षण के लिए सकारात्मक नहीं है। इसी का जवाब देते हुए संभाजी राजे भोसले ने कहा कि नक्सलियों के भी हिंसा का रास्ता छोड़कर लोकताँत्रिक व्यवस्था को स्वीकार कर लेना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर