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मुम्बई

Mumbai:नहीं रहे 'सहाराश्री' सुब्रत रॉय, मुंबई में ली अंतिम श्वास; यहां जानें सहारा के फर्श से अर्श तक की कहानी

मुंबई, रफ्तार डेस्क। सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत राय कई महीनो से बीमार चल रहें थे। जिसके कारण वे दो महीने पहले इलाज के लिए मुंबई आए थे। उनका मंगलवार को मुंबई के कोकिला बेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है, वे 75 वर्ष के थे। उनको रविवार को इस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। सहारा प्रमुख, सुब्रत रॉय का अंतिम संस्कार गुरुवार को लखनऊ में किये जाने की संभावना है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सहारा समूह चेयरमैन को श्रद्धांजलि दी

सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के निधन पर पूरे देश से क्या नेता क्या अभिनेता और आम नागरिक सभी अपनी अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। उनका अंतिम संस्कार लखनऊ में किया जायेगा। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सहारा समूह चेयरमैन को श्रद्धांजलि दी, उन्होंने कहा सुब्रत रॉय जी का निधन अत्यंत दुःखद है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति दें. ॐ शांति!

सहारा समूह की सफलता से पतन तक की कहानी

सहारा समूह एक समय रेलवे के बाद सबसे ज्यादा नौकरी देने वाले वाला समूह बन गया था। सहारा समूह की सफलता भी अपने शिखर पर थी। सहारा समूह की सफलता से पतन की कहानी उनके सेबी के साथ हुए विवाद से शुरू हुई। सेबी ने सहारा की दो कंपनी में जमा निवेशकों की रकम सेबी के नियम के विरुद्ध दूसरी कंपनी में ट्रांसफर करने में अपनी आपत्ति दर्ज की थी और सहारा को 24000 करोड़ रूपए जमा कराने का आदेश दिया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पंहुचा था, सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत राय को कई महीने तक जेल में रखा और सहारा समूह की संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी थी।

केंद्र सरकार ने पोर्टल की शुरुआत कर, दी थी सहारा समूह को बड़ी राहत

निवेशकों की जमा राशि को वापस करने के लिए, कोर्ट के आदेश पर बिकने वाली संपत्तियों की राशियों को सेबी के पास जमा करने के आदेश दिए गए थे। सहारा ने किश्तों में सेबी को कुल जमा धनराशि का बड़ा हिस्सा देने की कोशिश की थी, लेकिन पूरी रकम को वे जमा नहीं कर सके थे। जिसके कारण सहारा ग्रुप की कंपनियों और उसके निदेशकों के खिलाफ कई राज्यों में कई मुकदमे दर्ज होते गए और पुलिस सुब्रत राय और बाकी निदेशकों की तलाश में लखनऊ समेत कई ठिकानो पर छापे मारती रही। केंद्र सरकार ने सहारा समूह को बड़ी राहत देते हुए, निवेशकों की रकम को वापस करने के लिए पोर्टल की शुरुआत की। जिससे सहारा समूह ने थोड़ी राहत की सांस ली थी।

कारोबार की शुरुआत एक स्कूटर से की

सुब्रत रॉय बिहार के अररिया जिले के निवासी थे। जिन्होंने वर्ष 1978 में माइक्रो फाइनेंस का कारोबार शुरू किया था। उन्होंने छोटे निवेशकों की कमाई को जमा करने और उन्हें अच्छे ब्याज के साथ रकम वापस करने का कारोबार शुरू किया था। जो धीरे धीरे एक बड़ा समूह बन गया था। इसके बाद उन्होंने रियल स्टेट में भी अपना भाग्य आजमाया। वर्तमान में सहारा समूह इलेक्ट्रिक वाहन, इंश्योरेंस, मीडिया आदि सेक्टर में कार्यरत है। उन्होंने अपने कारोबार की शुरुआत एक स्कूटर से की थी।

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