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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार पर बड़ा अपडेट, अजित पवार को मिल सकता हैं वित्त मंत्रालय!

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक का क्रम आभी समाप्त नहीं हुआ है। महाराष्ट्र एनसीपी (NCP) में अजित पवार की बगावत के बाद से अभी तक विभागों के बंटवारे को लेकर कई दिनों से माथापच्ची चल रही है। महाराष्ट्र के शिंदे सरकार में शामिल हुए अजित पवार और उनके 8 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ तो ले ली लेकिन अभी तक विभागों के बंटवारे पर सहमती नही बन सकी है। वहीं अब सूत्रों के हवाले से बताया गया है की अजित पवार खेमे को वित्त मंत्रालय दिया जा सकता है।

अजित पवार ने कि अमित शाह से मुलाकात

महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारे को लेकर चल रही बहस के बीच डिप्टी सीएम अजित पवार ने प्रफुल्ल पटेल के साथ गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की। मुलाकात के बाद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी। हमने केंद्रीय कैबिनेट में कोई पद नहीं मांगा है। आगे उन्होंने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन में कोई फूट नहीं है। महाराष्ट्र में 1-2 दिनों में पोर्टफोलियो (मंत्रालयों) का बंटवारा हो जाएगा। हमने गृहमंत्री अमित शाह से हुई इस मुलाकात में आगे की कानूनी लड़ाई पर चर्चा की है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुलाई बैठक

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज वर्षा बंगले पर अपने विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें विधायकों को मंत्रिमंडल विस्तार और सरकार में अजित पवार की भूमिका के बारे में जानकारी दी जाएगी। कई रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि, अजित पवार अपने लिए वित्त विभाग चाहते हैं, लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस पर सहमत नहीं हैं। कहा जा रहा है कि नए उपमुख्यमंत्री अजित पवार को वित्त मंत्रालय देने पर, शिवसेना के विधायक असहज हैं। हालांकि, शिंदे गुट की ओर से अब तक किसी नेता या विधायक की नाराजगी खुलकर सामने नहीं आई है। लेकिन पूर्ववर्ती महाविकास अघाड़ी सरकार सरकार में अजित पवार उपमुख्यमंत्री थे और वित्त विभाग उनके ही पास था। तब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बागी विधायकों ने आरोप लगाए थे कि उन्हें फंड के लिए परेशान किया जा रहा था, क्षेत्र के विकास के लिए पैसे नहीं मिल रहे थे, जबकि एनसीपी विधायकों को प्राथमिकता दी जा रही थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों की तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का एक सबसे बड़ा मुद्दा यही था।

दोनों डिप्टी सीएम और सीएम की सलाह से होगा विभागों का बंटवारा

हांलाकि अब तक मंत्रिमंडल विस्तार न होने के चलते शिंदे गुट के कई विधायक नाराज चल रहे हैं। एसे में सूत्रों द्वारा प्राप्त जनकारी के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय भाजपा शीर्ष नेतृत्व को बताया है कि पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होना चाहिए और फिर विभागों का आवंटन किया जाएगा। शिंदे ने भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से यह भी स्पष्ट कर दिया है कि विभाग आवंटित करना मुख्यमंत्री का विवेकाधिकार है, इसलिए उन्हें खुली छूट देनी चाहिए। हालांकि वह विभागों का बंटवारा दोनों डिप्टी सीएम की सलाह से करेंगे, लेकिन अजित पवार की सभी नियम और शर्तें स्वीकार नहीं की जा सकतीं।

अजित पवार को मिल सकता है वित्त मंत्रालय

हांलाकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में समने आया है कि अजित पवार खेमे को वित्त मंत्रालय देने पर सहमती बन सकती है। डिप्टी सीएम अजित पवार को वित्त विभाग सौंपने पर बात लगभग तय हो चुकी है। जिसके बाद अब औपचारिक ऐलान का इंतजार है। इसी विभाग को लेकर पिछले करीब एक हफ्ते से लगातार बैठकों का दौर जरी है।

महाराष्ट्र कैबिनेट में सिर्फ 14 मंत्री पद खाली

आपको बता दें महाराष्ट्र कैबिनेट में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। अब तक, इनमें से 29 पद भरे जा चुके हैं और शिवसेना भाजपा गठबंधन में एनसीपी की एंट्री से मंत्री पद के उम्मीदवारों की सूची लंबी हो गई है। इस वक्त महाराष्ट्र कैबिनेट में सिर्फ 14 मंत्री पद खाली है। ऐसे में सीएम शिंदे के लिए कैबिनेट मंत्रियों का चयन करना बहुत मुश्किल काम हो सकता है। ऐसी संभावना है कि वह कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले विधायकों का चयन करते समय जाति जैसे कारकों पर विचार करें।