विद्युत वितरण कंपनीयों के निजीकरण का विरोध
विद्युत वितरण कंपनीयों के निजीकरण का विरोध  
मध्य-प्रदेश

विद्युत वितरण कंपनीयों के निजीकरण का विरोध

Raftaar Desk - P2

अनूपपुर, 27 सितम्बर (हि.स.)। केन्द्र सरकार के द्वारा विद्युत वितरण कंपनीयों के निजीकरण के लिए 20 सितम्बर को राज्यों को जारी किए गए मानक बोली दस्तावेज (स्टैंडर्ड बिडिंग डॅकयूमेंटका) का विरोध मप्र विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन के प्रान्तीय सचिव जेपीएल शर्मा ने करते हुए राज्य तथा केन्द्र सरकार को चेतावनी दी है कि यदि इसे समय रहते वापस नहीं लिया गया तो संपूर्ण मध्य प्रदेश में बिजली कामगार पूर्ण रूप से बिजली बंद जैसा आन्दोलन करने के बाध्य होगा। रविवार को प्रान्तीय सचिव ने प्रेस विज्ञाप्ति में बताया कि सन् 1992 में जारी टाटाराव कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद से यूनियन द्वारा समय-समय पर लगातार आन्दोलन के माध्यम से इसे रोकने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान सरकार के द्वारा बहुमत का तानाशाही पूर्ण ढंग से उपयोग करते हुए तमाम सरकारी क्षेत्र के उद्योगो को समाप्त कर लोगों की रोजी-रोटी छीन कर उन्हे बेरोजगार करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। प्रांतीय नेताओं ने समस्त विद्युत कर्मचारीयो से आव्हाहन किया है कि वे अपनी अस्तित्व की इस लड़ाई को लडऩे तथा उद्योग को बचाने हेतु तैयार रहें। केन्द्रीय ट्रेड यूनियन के आव्हान पर आयोजित आन्दोलन सफल बनाने हेतु शीघ्र दिशा निर्देश जारी किए जायेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in