मंदसौर, 24 दिसम्बर (हि.स.)। जिले में ठंड का असर बढ़ने से रबी सीजन की फसलों को लेकर किसानों को चिंता होने लगी है। लहसुन की फसल में पीलापन आ रहा है। किसानों का कहना है कि लहसुन में पीला मोजक का रोग होने लगा है। वहीं अफीम में भी ठंड का प्रभाव दिखाई दे रहा है। फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए किसान प्रयास कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस साल बारिश कम होने के कारण सिंचाई के लिए दिक्कत हो रही है। इसी बीच अब फसलों में रोग का खतरा भी बढ़ गया है। बाजखेड़ी, डिगावमाली सहित आसपास के क्षेत्रों में लहसुन की फसलों में पीलापन आ गया है। किसानों का कहना है कि लहसुन में पीला मोजक रोग है। इसकी रोकथाम के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे है। वहीं अफीम की फसलों में ठंड के कारण दिक्कते हो रही है। कृषि विज्ञानी डॉ.एसएन मिश्रा ने बताया कि अफीम में ठंड का प्रभाव है। काली मस्सी की भी शुरूआत है। हालांकि अभी रबी की अन्य फसलों में स्थिति ठीक है। गेहूं, चना और सब्जी में भी बीमारी का खतरा नहीं है। कृषि विज्ञानी डॉ. मिश्रा ने अफीम किसानों को सावधानी रखने की सलाह दी है। अगले सप्ताह से ठंड ओर बढ़ेगी, खेतों में फसलों को हवा से बचाने के प्रयास किए जाए। लहसुन में पीलापन है। - -लहसुन की फसल में पीला मोजक जैसी बीमारी लग रही है। मैथी पर मोयले का प्रकोप भी आ गया है। हम अपने स्तर पर प्रयास भी कर रहे हैं। फिर भी लहसुन की फसल में पीले मोजक जैसी बीमारी का असर बना हुआ है। -जब्बार अजमेरी, किसान बाजखेड़ी - सरसों और मैथी पर मोयले का प्रकोप भी आ गया है। लहसुन की फसल में पीले मोजक जैसी बीमारी आ गई है। दो से तीन बार दवाई का छिड़काव कर दिया है। लहसुन के पत्ते पूरी तरह से पीले होने लगे हैं। -किसान जयसिंह चौहान, डिगांवमाली हिन्दुस्थान समाचार / अशोक-hindusthansamachar.in