यह कर्मभूमि है भोगभूमि नहीं यहां हर आदमी को अपनी किस्मत को पाना है-मुनिश्री
यह कर्मभूमि है भोगभूमि नहीं यहां हर आदमी को अपनी किस्मत को पाना है-मुनिश्री 
मध्य-प्रदेश

यह कर्मभूमि है भोगभूमि नहीं यहां हर आदमी को अपनी किस्मत को पाना है-मुनिश्री

Raftaar Desk - P2

ग्वालियर, 13 अक्टूबर (हि.स.)। हर व्यक्ति की चाहत है, कि हमें कुछ न करना पड़े और हम जो चाहते हैं, वो सब कुछ हमें मिल जाए। लोग किस्मत बनाना तो नहीं चाहते पर अच्छी किस्मत हमारी हो। यह चाहते हैं लोग बुरा कार्य करके अच्छा पाना चाहते हैं, लोग आलस को आराम समझते हैं। यह कर्मभूमि है भोगभूमि नहीं यहां पर हर आदमी को अपनी किस्मत को पाना है। यह विचार क्रांतिकारी मुनिश्री प्रतीक सागर महाराज ने मंगलवार को सोनागिर स्थित आचार्यश्री पुष्पदंत सागर सभागृह में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कही। मुनिश्री ने कहा कि अच्छी नई किस्मत बनाना है, लेकिन अच्छी किस्मत पाने में किसी को भी जोर नहीं लगाना पड़ता, लेकिन किस्मत बनाने में कई कष्ट सहन करते हुए पसीना बहाना पड़ता है। हाड़तोड़ श्रम करना पड़ता है। मानसिक व दिमागी मेहनत करना पड़ता है। हाथ में कुछ भी न हो तो यह तो सत्य है, कि किस्मत खराब है। ऐसे में वो मेहनत करना बंद कर दे निठल्ला बैठ जाए तो किस्मत सुधरने के चांस भी बंद हो जाते हैं। मुनिश्री कहा कि अच्छा कार्य, बुरी किस्मत में भी भला है और अच्छी किस्मत में भी भला है, लेकिन बुरा कार्य कहीं भी भला फल नहीं देगा। किस्मत स्वयं किसी को कुछ भी नहीं दे सकती। वह भी साहसी की ओर ताकती है। बिना मेहनत के मिल जाए तो वो भाग्य है, लेकिन जो किस्मत में नहीं था उसे पाने की हिम्मत करना साहस है और जो सब कुछ पाकर के सबको ठुकरा दे वह महाकिस्मत का फल है। साहसी ही हिमालय पर्वत पर ध्वज रख सकते हैं, किस्मत, साहसी के साथ होती है। राम व महावीर के चरण मत पकड़ो उनके आचरण पकड़ो मुनिश्री ने कहा कि संसार में जन्म, बुढ़ापा और मृत्यु आदि कई प्रकार की व्याधियों से जीव दुखी है। पुण्य के उदय से जो वैभव और संपत्तियां प्राप्त हुई हैं वह अस्थिर हैं, जो जीवन मिला है वह भी अस्थिर है। मुनिश्री ने कहा कि भगवान राम और महावीर के गुणों और उपदेशों पर अमल करें। उनके चरण मत पकड़ो उनके आचरण पकड़ो। भगवान महावीर और राम तो रामायण और जिनवाणी के नायक बन गए पर उनके उपदेशों का धारण कर हमें अपने धर्म, समाज और देश के प्रति दायित्वों को निभाकर उनके उपदेशों का पालन करना है। हिन्दुस्थान समाचार / श्याम / मुकेश-hindusthansamachar.in