मिशन लोकतंत्र के तहत पार्षदों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
मिशन लोकतंत्र के तहत पार्षदों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम 
मध्य-प्रदेश

मिशन लोकतंत्र के तहत पार्षदों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

Raftaar Desk - P2

रतलाम, 27 सितम्बर (हि.स.)। आज के समय जबकि केवल विषय विशेषज्ञों के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों सुनते चले आ रहे हैं ऐसे समय में आने वाले नगर पालिका नगर निगमों नगरीय निकाय चुनाव में यदि कोई अपनी किस्मत आज़माना चाहता है तो वह अपने आप को जनता के बीच में प्रशिक्षित लीडर के रूप में ख़ुद को पेश कर सकता है, उसके लिए प्रदेश में पहली बार अनूठा एवं अभिनव पाठ्यक्रम तैयार किया है। सामाजिक संस्था सिटीजऩ राइट्स एंड डेमोक्रेटिक अवेयरनेस इंस्टिट्यूट रतलाम ( ,क्रेडाई) द्वारा ये पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, जिसमें उन्हें जानकार बनाया जा सके ,संस्था द्वारा अपने प्रस्तावित पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी के लिए रतलाम के जन प्रतिनिधियों, पूर्व पार्षदों ,सामाजिक संस्थाओं ,महिला संगठनों ,कर सलाहकारों के साथ बैठकों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें उनके द्वारा पाठ्यक्रम के बिंदुओं और उसे किस तरह पढ़ाया जाएगा इसके बारे में जानकारी दी जा रही है। संस्था के अध्यक्ष संदीप व्यास ने रविवार को बताया कि विगत तीन चार वर्षों से विशेषज्ञों के साथ विषय में रिसर्च करने के बाद संस्था ने पाया कि जनता की समस्याओं अपेक्षाओं व योजनाओं पर उनके द्वारा चुने जाने वाला जन प्रतिनिधि अपनी और से पूरे प्रयास करने के बाद भी वह अपने ही मतदाता की अपेक्षा पर पूरी तरीक़े से खरा क्यों नहीं उतरता है और वह मतदाताओं से भी दूर हो जाता है । इसका पहला कारण उनकी जनता के साथ संवाद हीनता व जुड़ाव में कमी वहीं दूसरा कारण जन प्रतिनिधि को उस संस्था या निकाय कि कार्यप्रणाली, प्रक्रिया, संचालन की जानकारी नहीं होती है और उसे जानकारी देने के लिए जो वर्तमान व्यवस्था है वह बहुत ही जटिल है । संस्था का मानना है कि नगरीय निकाय राजनीति की प्रथम पायदान है और यदि यही से एक प्रशिक्षित व्यक्ति जन प्रतिनिधि के रूप में जनता की सेवा के लिए जानकार के रूप में आगे आएगा तो वह उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा । संस्था द्वारा उसे अनूठे पाठ्यक्रम के द्वारा इन विषयों पर प्रमुख रूप से जानकार बनाया जाएगा। -नगरीय निकाय की जिम्मेदारी एवं उत्तरदायित्व -स्थानीय समस्याओं को समझना व समाधान -सामुदायिक ज़रूरतें और उनका समाधान -सोशल आडिट -मानवाधिकार और क़ानून -जनता से संवाद जुड़ाव एवं उनकी भागीदारी -मिशन लोकतंत्र के तहत तैयार प्रशिक्षणार्थियों को थ्योरी के साथ साथ साइट विजिट करवाई जाएगी, जिससे उन्हें वास्तविकताओं को दिखा कर प्रशिक्षित किया जा सके। संस्था द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्णता नि शुल्क है जो की राजनीति शास्त्र के मुंबई दिल्ली इंदौर में प्रशिक्षित विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण हेतु दो प्रकार से प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाए गए हैं । प्रथम एक माह का 60 घंटे अवधि का कोर्स है और दूसरा सात दिवसीय दस घंटे समय वाला प्रशिक्षण कार्यक्रम है यहा सभी के लिए है ,क्योकि नगरीय निकाय में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं उसे ध्यान में रखकर संस्था द्वारा महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कोर्स की अलग से व्यवस्था भी की गई है । हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी-hindusthansamachar.in