प्रदेशभर सरकार के  पास रूपये नहीं, स्वयं की आय के स्त्रोत बढ़ाओ
प्रदेशभर सरकार के पास रूपये नहीं, स्वयं की आय के स्त्रोत बढ़ाओ 
मध्य-प्रदेश

प्रदेशभर सरकार के पास रूपये नहीं, स्वयं की आय के स्त्रोत बढ़ाओ

Raftaar Desk - P2

* सुझाव के साथ दी सलाह,आवश्यक हो तो संशोधन करें एक्ट में * अन्य राज्यों के एक्ट का भी करें अध्ययन उज्जैन, 29 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश के संचालनालय:नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल के संयुक्त संचालक मयंक वर्मा ने प्रदेशभर के निगमायुक्त एवं संभागीय संयुक्त संचालकों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि नगरीय निकाय स्वयं की आय बढ़ाने के लिए सुझाव भेजें। ताकि वहां के खर्चो को वहीं पूरा कर सकें। नगर निगमों को भेजे पत्र में उल्लेख किया गया है कि नगरीय निकायों को अपनी आय में वृद्धि की ओर ध्यान देना होगा। वे आय में वृद्धि के स्त्रोत अपने स्थानीय स्तर पर ही खोजें। इस हेतु अपने सुझाव भी भोपाल भेजें। जो सुझाव वे भेजेंगे,उनके साथ यह भी लिखें कि सुझाव लागू करने के लिए वर्तमान अधिनियम, नियम में संशोधन आवश्यक है क्या? यदि आावश्यक है तो उसका विवरण भी दें। जो सुझाव भेजे जाएं,उनसे होनेवाले लाभ तथा वर्तमान राजस्व में संभावित वृद्धि के बारे में जानकारी दें। निगमायुक्तों से कहा गया है कि वे अन्य राज्यों में वहां के नगरीय निकायों की आय के स्त्रोतों को लेकर किए जा रहे कार्यो का अध्ययन करें। जिन नगरीय निकायों में अच्छे आय के स्त्रोत निर्मित किए गए हैं,उनका अध्ययन करने के बाद बताएं कि आपके नगर निगम में इसे किसप्रकार से लागू किया जा सकता है। इसके लिए क्या करना होगा? ज्ञात रहे अभी तक नगरीय निकायों को राज्य शासन उनकी जरूरत की मदों हेतु राशि आवंटित करता है। भोपाल के सूत्र बताते हैं कि अब नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने एवं अपने स्तर पर ही आय में वृद्धि करके,खर्चो की पूर्ति के लिए भोपाल पर निर्भर नहीं रहने के लिए यह कवायद की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/ललित/राजू-hindusthansamachar.in