नगर पालिका चुनाव को लेकर सरगर्मी  बढ़ी
नगर पालिका चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी 
मध्य-प्रदेश

नगर पालिका चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी

Raftaar Desk - P2

गुना 17 दिसंबर (हि.स.)। नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल (आचार संहिता) भले ही न बजा हो, लेकिन सरगर्मियां तेज हो गई हैं। खासकर, अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी के लिए दावेदारों की इंटरनेट मीडिया के साथ ही मैदान में भी सक्रियता बढ़ गई है। हालांकि, इस बार भाजपा-कांग्रेस के सामने विचित्र स्थिति बनती दिख रही है। क्योंकि, अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए भाजपा में जहां लंबी फेहरिस्त से पार्टी पशोपेश में है, वहीं कांग्रेस माथापच्ची की बजाए सुकून में है। यह स्थिति इसलिए भी, क्योंकि ज्यादातर कांग्रेसी दावेदार राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं। इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए तमाम दावेदारों की पोस्ट नजर आ रही हैं। इनमें कई चेहरे ऐसे हैं, जो भले ही पार्टियों से जुड़े रहे, लेकिन दावेदार के रूप में नए हैं। इतना ही नहीं, संभावित टिकट की उम्मीद में दावेदार मैदान में भी उतर चुके हैं और गोटियां' जमाना भी शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, दावेदारी जता रहे नेता स्थानीय के साथ प्रदेश स्तर पर भी पहुंच बनाए हुए हैं। अब तक किए कार्यों को दिखाकर अपना दमखम भी दिखा रहे हैं। इसमें कई दावेदारों की इंटरनेट मीडिया पर जो पोस्ट डाली जा रही हैं, उनमें कोरोना के चलते लॉकडाउन में की गई जनसेवा के चित्र भी देखने को मिल रहे हैं। इधर, भाजपा जहां दावेदारों की भीड़ के चलते प्रत्याशी चयन को लेकर पशोपेश में दिख रही है, उससे इतर कांग्रेस को सुकून है। इसकी वजह भी साफ है, क्योंकि सिंधिया कांग्रेस छोडक़र भाजपा का भगवा ओढ़े चुके हैं, तो उनके समर्थक और ज्यादातर कांग्रेसी दावेदार भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इससे कांग्रेस में अब अंगुलियों पर गिनने लायक दावेदार हैं, तो भाजपा के सामने कांग्रेसी भाजपाई और खुद भाजपा के नेता दावेदारों की कतार में खड़े नजर आ रहे हैं। पत्नी तो कहीं बहू के लिए दावेदारी गुना नगरपालिका अध्यक्ष पद इस बार आरक्षण में महिला के लिए आरक्षित है। ऐसे में नेता कहीं पत्नी को, तो कोई बहू के लिए दावेदारी कर रहा है। वर्तमान में जिन लोगों की इंटरनेट मीडिया और जनचर्चा में संभावित दावेदारी सामने आई है, उनमें भाजपा से पूर्व नपाध्यक्ष अपनी बहू को, तो ज्यादातर नेता अपनी पत्नियों को अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी जता रहे हैं। भाजपा में सूची काफी लंबी है, जबकि कांग्रेस में भी पूर्व नपाध्यक्ष स्वयं के अलावा पार्टी के युवा और सीनियर नेता अपनी पत्नी और मां के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in