त्रिस्तरीय संयुक्त समिति संवारेगी बीमार जिला अस्पताल की सेहत
त्रिस्तरीय संयुक्त समिति संवारेगी बीमार जिला अस्पताल की सेहत 
मध्य-प्रदेश

त्रिस्तरीय संयुक्त समिति संवारेगी बीमार जिला अस्पताल की सेहत

Raftaar Desk - P2

त्रिस्तरीय संयुक्त समिति संवारेगी बीमार जिला अस्पताल की सेहत गुना 17 दिसंबर (हि.स.)। एक लंबे समय से बीमार चल रहे जिला अस्पताल की सेहत सुधारने का काम अब त्रिस्तरीय संयुक्त समिति करेगी। इस समिति का गठन एवं योजना का काम 21 दिसंबर से शुरु कर दिया जाएगा । समिति में जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग और जनता की सहभागिता दर्ज होगी। इस आशय का निर्णय गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में चिकित्सा व्यवस्था में सुधार हेतु आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में पुलिस, प्रशासन सहित विभिन्न विभागों से जुड़े अधिकारियों सहित संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक, राजनेता आदि मौजूद थे। इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए गंभीर मंथन किया गया। सुझाव प्रस्तुत किए गए है तो तमाम निर्णय भी हुए। जिन्हे आगामी दिनों में अमल में लाया गया। इसी तारतम्य में एक निर्णय त्रिस्तरीय संयुक्त समिति के गठन का रहा। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का मानना है कि इस समिति के गठन से बेहतर सामंजस्य स्थापित होगा। साथ ही संयुक्त रूप से अस्पताल के उन्नयन एवं स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने में सुगमता होगी। लंबे समय से बीमार है जिला अस्पताल गौरतलब है कि लोगों के स्वास्थ्य में सुधार का माध्यम बनने वाला जिला अस्पताल खुद एक लंबे समय से बीमार बना हुआ है। इस बीच तमाम प्रयास हुए, किन्तु अस्पताल की सेहत में सुधार नहीं हो सका। अस्पताल में चिकित्सक सहित पैरामेडीकल स्टाफ का तो अभाव है ही, साथ ही अत्याधुनिक मशीनों का संचालन भी स्टाफ के अभाव में नहीं हो पा रहा है। नियुक्त चिकित्सक एवं स्टाफ काम के बोझ से अधमरा है तो उनमें से कुछ ऐसे भी है, जिनकी मनमानी जारी है। जिससे यहां आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य उपचार के बजाए तकलीफ ही मिलती है। अस्पताल में साफ-सफाई जहां ठीक से नहीं होती है तो चिकित्सक अस्पताल में मौजूद रहने के बजाए घर पर मरीज देखने में अधिक रुचि लेते है। अस्पताल की इन अव्यवस्थाओं के सुधारने का बीड़ा इससे पहले भी जिला प्रशासन के तत्कालीन मुखिया उठा चुके है, किन्तु अस्पताल की सेहत सुधारने के बजाए मर्ज बढ़ता चला गया। उम्मीद की जानी चाहिए कि वर्तमान कलेक्टर जो प्रयास कर रहे है वह मंजिल तक पहुंचेंगे। यह होंगे समिति के कार्य बैठक में जो त्रिस्तरीय समिति के गठन का जो निर्णय लिया गया है, वह 21 दिसंबर को गठित होने के साथ योजना पर काम शुरु हो जाएगा। अपर कलेक्टर विवेक रघुवंशी ने बताया कि गठित समिति द्वारा प्रत्येक सप्ताह में सोमवार को प्रात: 8 से प्रात: 10 बजे तक जिला चिकित्सालय का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा तथा उसके उन्नयन एवं सुदृढीकरण के लिए महत्वपूर्णं सुझाव उसी दिन 11 बजे तक कलेक्टर को संस्तुति के साथ प्रस्तुत किए जाएंगे। जांच हो और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा अपने-अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए गए। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण सुझाव यह रहा कि जब कभी जिला अस्पताल में आपत्तिजनक घटना सामने आए तो उसकी विस्तृत रुप से जांच हो और उसमे अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई भी तय की जाए। अभी तक होता यह है कि जांच के नाम पर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। ऐसे कई मामलों को उपस्थितों ने बैठक में रेंखाकित किया। पर्चा बनवाने को लेकर कहा गया कि इसके लिए सुरक्षा गार्डों की जिम्मेदारी तय की जाना चाहिए। साथ ही वार्ड बॉय की भी मदद ली जा सकती है। जो मरीजों का पर्चा बनवाने के साथ ही उन्हे चिकित्सक के कक्ष तक पहुँचने के साथ ही दवाई दिलवाने और अगर जरुरत पड़ती है तो वार्ड तक भिजवाने में सहायता करे। गौरतलब है कि जिला अस्पताल में प्रवेश के समय यह दूसरा स्थान रहता है। इससे पहले वाहन स्टैण्ड पर उसे नियुक्त कर्मंचारी का बुरा बर्ताव झेलना पड़ता है। इसके बाद वह पर्चा काउंटर बनवाने के लिए परेशान होता है, जबकि यहां हेल्प डेस्क स्थापित है। रात में हो औचक निरीक्षण, अव्यवस्थाएं मिले तो तुरंत दूर की जाएं सुझावों में जिला अस्पताल का रात के समय औचक निरीक्षण की बात कही गई। जिससे हकीकत सामने आ सके। अगर इस दौरान कोई अव्यवस्था मिलती है तो उसे तुरंत सुधारा जाए। जिससे इस औचक निरीक्षण के बेहतर नतीजे सामने आ सके। इस औचक निरीक्षण का लाभ यह भी बताया गया कि इससे रात के समय चिकित्सक और स्टाफ जिला अस्पताल में उपलब्ध रहेंगे, अगर नहीं रहें तो कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही वाहन स्टैण्ड पर गरीब मरीजों से शुल्क नहीं लेने की बात कही गई। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in