छग से आये हाथियो के दल की चपेट में आये ग्रमीण को कुचला, मौत
छग से आये हाथियो के दल की चपेट में आये ग्रमीण को कुचला, मौत 
मध्य-प्रदेश

छग से आये हाथियो के दल की चपेट में आये ग्रमीण को कुचला, मौत

Raftaar Desk - P2

अनूपपुर, 01 सितम्बर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के जनकपुर की जंगल सीमा लांघकर वनपरिक्षेत्र बिजुरी के जर्राटोला के सुईडांड पहुंचे हाथियों के दल ने गांव में बडही डबरा बरने नदी किनारे मछली मार रहे 45 वर्षीय रामचंद्र पाव को कुचल कर मार डाला। इस घटना के दौरान गांव के तीन अन्य लोग 50 वर्षीय राधेश्याम पुत्र टिर्रा पाव, 34 वर्षीय केशव पुत्र श्याम सकल, 36 वर्षीय लोकनाथ पुत्र सोनसाय पाव सभी निवासी सुईडांड खोड्री मौकेसे भाग निकले। घटना मंगलवार सुबह 4 बजे से 5.30 बजे के बीच की बताई जा रही है। हाथियों का दल गुरूघासीदास नेशनल पार्क का दल था, जिसमें 7 सदस्य शामिल थे। घटना के उपरांत ग्रामीणों की शोर सुनकर हाथियों का दल पुन: नदी पार कर जनकपुर की ओर जंगल में चला गया। वहीं घटना की सूचना के बाद मौके पर कोतमा एसडीएम की ओर से नियुक्त दल, वनविभाग एसडीओ ओजी गोस्वामी, वनपरिक्षेत्र अधिकारी बिजुरी संगीता अमलतास, कोतमा आरएस त्रिपाठी, वनजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल सहित अनय प्रशासनिक अधिकारी व वनकर्मी पहुंचे। जहां शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया गया। हाथियों के अचानक मूवमेंट को देखते हुए अनूपपुर वनविभाग अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ वन अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित कर दोनों सीमावर्ती क्षेत्रों में हाथियों के दल की सर्चिंग कर रही है, ताकि हाथियों की मूवमेंट का सही आंकलन हो सके। वहीं हाथियों ने घटना स्थल सहित आसपास के लगभग 18 खेतों में लगी फसल को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है। एसडीएम कोतमा ऋषि सिंघई का कहना है कि राजस्व और वनविभाग की जांच में आरबीसी के तहत मामला दर्ज हो गया है, वनविभाग की ओर से मुआवजा प्रदान किया जाएगा। मौत के सम्बंध में स्पष्ट जानकारी सामने नही आ रही है। लेकिन यह बात स्पष्ट हो रही है कि दल से एक हाथी आगे आया है व्यक्ति को कुचला है। फिर हाथी ने दल के साथ पुन: वापसी की ली। लेकिन सभी चारो व्यक्ति वहां क्या कर रहे थे, इसकी जांच की जा रही है। वनपरिक्षेत्र अधिकारी बिजुरी संगीता अमलतास ने बताया कि प्रथम दृष्टया में सम्बंधित व्यक्ति की मौत हाथी के कुचलने से हुई है, मृतक के रीढ की हड्डी बुरी तरह से टूटी है। हॉथियों के पग निशान घटना स्थल पर बने हुए हैं। लेकिन चारो व्यक्ति सुबह के समय यहां क्या कर रहे थे, इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं हो सकी है। ग्रामीणों के अनुसार सुबह चारों व्यक्ति नदी के किनारे मछली मार रहे थे, तो कुछ ग्रामीण पिकनिक मनाने की बात कह रहे हैं। जिससे शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद भी मौत के सही कारणों की जानकारी सामने आ पाएगी। फिलहाल हाथियों के मूवमेंट के बाद सीमावर्ती गांवों में दशहत का माहौल बना हुआ है। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in