अच्छा होगा गंगाजल छिड़ककर कांग्रेसी स्वयं को शुद्ध करें: विष्णुदत्त शर्मा
अच्छा होगा गंगाजल छिड़ककर कांग्रेसी स्वयं को शुद्ध करें: विष्णुदत्त शर्मा  
मध्य-प्रदेश

अच्छा होगा गंगाजल छिड़ककर कांग्रेसी स्वयं को शुद्ध करें: विष्णुदत्त शर्मा

Raftaar Desk - P2

भोपाल, 07 अगस्त (हि.स.)। विधानसभा क्षेत्रों को शुद्ध करने का कांग्रेस का अभियान सिर्फ प्रोपेगंडा है, जिसकी कांग्रेस को आदत है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अगर वास्तव में शुद्धिकरण करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपना शुद्धिकरण कराएं, क्योंकि वे स्वयं कांग्रेस की उस साजिश के मुख्य सूत्रधार थे, जिस साजिश के तहत सत्ता हथियाने के बाद जनता को खुलेआम धोखा दिया गया। उन्हें उस कांग्रेस कार्यालय का भी शुद्धिकरण कराना चाहिए जहां एक झूठ के पुलिंदे को वचन पत्र बनाने का काम हुआ था। उन नेताओं का भी शुद्धिकरण कराएं, जिनके साथ बैठककर आपने झूठे वादों का तानाबाना बुना और खुलेआम किसानों, बेरोजगार युवाओं, बुजुर्गों और बेटियों तक को छला गया। कांग्रेसियों को जनता के अपमान का कोई हक नहीं है। जनता तो पहले से कांग्रेस से कई गुना पवित्र है। यह बात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने शुक्रवार को कांग्रेस के कथित शुद्धिकरण अभियान पर टिप्पणी करते हुए कही। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस जिन विधानसभा क्षेत्रों को पवित्र करने की बात कह रही है, वास्तव में उन क्षेत्रों की धूल को कांग्रेसियों को अपने माथे पर लगाना चाहिए। क्योंकि वहां की जनता के प्रतिनिधियों ने एक अराजक, भ्रष्टाचारी, निरंकुश और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने वाली सरकार को ठिकाने लगाने का काम किया। शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में 15 महीने तक किसानों, युवाओं, बेटियों, बुजुर्गों और गरीबों की जिंदगी से खेलने का काम करने वाली कांग्रेस पार्टी को यह हक किसने दिया है कि वह किसी के परिवार में जाकर, गंगाजल पहुंचाकर यह कहे कि इससे पवित्र हो जाइये। जिस कांग्रेस के हाथ हजारों सिखों के खून से रंगे हैं, जिस कांग्रेस ने देश में भ्रष्टाचार के कीर्तिमान बनाये हैं, जिस कांग्रेस ने वर्षों तक बांटों और राज करो की नीति पर चलते हुए देशभर में दंगे कराये हैं, जिस कांग्रेस ने दशकों तक गरीबी हटाओ के नाम पर गरीबों को मिटाया है, वह कांग्रेस किसी को पवित्रता का प्रमाण पत्र बांटे, यह कैसे गले उतरेगा। शर्मा ने कहा कि हमें नहीं पता कि कांग्रेस के नेताओं को सलाह कौन देता है, लेकिन इतना जरूर पता है कि यदि उन्होंने गंगाजल छिड़कने अथवा बांटने जैसा बेहूदा काम किया तो प्रदेश की जनता अपने अपमान का ऐसा बदला लेगी कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस को मोमबत्ती लेकर ढूंढना पड़ेगा, क्योंकि प्रदेश की जनता फिर धोखा खाने को तैयार नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे-hindusthansamachar.in