उमारिया

उमरिया: माधव नेशनल पार्क में आज बाघ छोड़ने पहुचेंगे शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया

उमरिया,एजेंसी । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज दो मादा और एक नर बाघ को माधव नेशनल पार्क में छोड़ेंगे और टाइगर मित्रों से बात भी करेंगे।

मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों की फेरहिस्त में सबसे अधिक बाघों की संख्या और प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में अपनी एक अलग ही भूमिका रखने वाले बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व से आज एक बाघिन का रेस्क्यू कर विशेष वाहन से शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान भेजा गया है। गुरुवार देर शाम को यह कार्यवाही क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा और उप संचालक लवित भारती की मौजूदगी में वन्यप्राणी चिकित्सक एवं रेस्क्यू टीम द्वारा मगधी परिक्षेत्र के बहेरहा में 6 नम्बर के इन्क्लोजर में रखी गई बाघिन को विशेष वाहन से रवाना किया गया। उक्त बाघिन को 4 मार्च को पनपथा बफर परिक्षेत्र से रेस्क्यू कर बेहेरहा इन्क्लोजर में मोनिटरिंग और स्वास्थ्य परिक्षण के लिए रखा गया था।

बांधवगढ़ के बाघों से गुलजार हैं कई पार्क

बाघों को लेकर बांधवगढ़ का बहुत ही बड़ा समृद्धशाली इतिहास रहा है। मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने वाले बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के अधिक बाघों की संख्या पूरे विश्वभर के बाघ प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करती है, यह कोई पहला मौका नही है जब बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व से किसी बाघ या बाघिन को अन्य की पार्क या उद्यान में भेजा गया हैं,इससे पहले भी वन विहार भोपाल ,संजय गांधी टाइगर रिजर्व सीधी और नौरादेही और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को गुलजार करने के लिए भेजे जा चुके हैं।

2009 से पहले बाघ विहीन हो गया था पन्ना टाइगर रिजर्व

मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की सफल वापसी के कई साल बाद शिवपुरी स्थित माधव नेशनल पार्क भी इसका गवाह बनने जा रहा है. यहां 26 साल बाद बाघ की दहाड़ सुनाई देगी। आपको बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व भी बाघों से रहित था, लेकिन 2009 में यहां बाघों की पुनर्स्थापना की योजना शुरू की गई और अब यहां करीब 78 बाघ हैं। माधव राष्ट्रीय उद्यान में 1997 तक बाघ थे। जब यहां की 20 मादा बाघिन प्रजनन योग्य हो जाएंगी तो पुनर्स्थापना सफल माना जाएगा. निकट भविष्य में रणथंभौर, शिवपुरी और पन्ना को जोड़ने वाला टूरिस्ट सर्किट बनाने की भी कार्य योजना बनाई जा रही है।