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मध्य-प्रदेश

मप्र में जीएसटी के विरोध में व्यापारियों के भारत बंद का रहा मिला-जुला असर

Raftaar Desk - P2

भोपाल, 26 फरवरी (हि.स.)। जीएसटी के नियमों में बदलाव की मांग को लेकर कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) आह्वान पर व्यापारियों के देशव्यापी बंद का मध्यमप्रदेश में मिला-जुला असर देखने को मिला। यह भारत बंद स्वेच्छिक है। इसलिए छोटे व्यापारियों ने इसका समर्थन नहीं किया और शुक्रवार सुबह से अपनी दुकानें खोली, लेकिन बड़े बाजार बंद रहे। राजधानी भोपाल के थोक किराना बाजार जुमेराती में सुबह से ही इसका असर दिखाई दिया। यहां सभी व्यापारियों ने अपनी दुकानें नहीं खोलीं। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल ने बताया कि हम चाहते हैं कि जीएसटी के कुछ प्रावधानों में बदलाव हो। यह बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा। हम सडक़ पर ना तो निकलेंगे और न ही दुकानें आदि खोलेंगे। भोपाल में नए शहर स्थति व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रख गए, लेकिन पुराने भोपाल में दाल-दलहन के व्यापारी इस बंद में शामिल नहीं हैं। इधर, इंदौर में भी शहर के आधे बाजार बंद रहे, जबकि आधे व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोले। इंदौर के मुख्य व्यापारिक संगठन अहिल्या चैंबर इस बंद में शामिल नहीं है। इस संगठन ने अपने सभी व्यापारियों से कहा है कि वे अपना पूरा काम सामान्य दिनों की तरह ही करते रहें। चैंबर के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि बंद करने से तो हम व्यापारियों का ही नुकसान होता है। जीएसटी में किए जा रहे बदलाव और उसकी जटिलता का विरोध हम भी कर रहे हैं। केंद्र सरकार को इसके लिए पत्र भी लिखा है, लेकिन बंद में हम शामिल नहीं हैं। इंदौर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन भी दो से तीन घंटे तक बंद के समर्थन में हैं। अनाज तिलहन संघ ने भी कुछ घंटे मंडी बंद रखने को कहा है। जबकि अन्य कोई बड़े संगठन कारोबार बंद करने के समर्थन में नहीं हैं। इसके अलावा प्रदेश के अन्य शहरों के मुख्य बाजारों में बड़ी दुकानें बंद रही, जबकि छोटे फुटकर व्यापारी सुबह से दुकानें खोलकर अपनी व्यापार कर रहे हैं। इधर, मध्यप्रदेश में बस आपरेटर संघ ने भी किराया बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की थी, लेकिन एक दिन पहले ही यानी गुरुवार को परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ने घोषणा कर दी कि मार्च के महीने में बसों का किराया बढ़ा दिया जाएगा। इसके बाद बस आपरेटरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली थी। इसलिए शुक्रवार को बसों का संचालन भी जारी रहा। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/राजू