मुरैना, 11 अप्रैल (हि.स.)।यातायात थाने में पदस्थ एक आरक्षक का शव रविवार की तड़के यातायात थाने के पीछे स्थित मंदिर परिसर में बने कमरे में फांसी के फंदे पर झूलता हुआ मिला है। आरक्षक के दोनों हाथ रस्सी से बंधे हुए थे। घटना का पता चलने पर पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। आरक्षक के इस कदम की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है। हालांकि आरक्षक की हत्या से भी इंकार नहीं किया जा रहा है। लेकिन पुलिस के अधिकारी जांच करने की बात कह रहे हैं। यातायात थाने में पदस्थ आरक्षक हरेन्द्र सिंह जाट उम्र 28 साल निवासी मथुरा का शव रविवार की सुबह यातायात थाने के पीछे स्थित मंदिर के पास बने कमरे में रस्सी से लटका हुआ मिला है। रविवार की सुबह जब हरेन्द्र काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं निकला तब अन्य साथी आरक्षकों ने उसके कमरे का दरवाजा खोला तो आरक्षक रस्सी से लटका हुआ मिला। बताया जाता है कि हरेन्द्र रात को कई बार थाना परिसर में टहलता रहा था। माना जा रहा है कि हरेन्द्र ने रात दो बजे के बाद फांसी लगाई होगी। चूंकि उसके दोनों हाथ रस्सी से बंधे हुए थे इसलिए हत्या की भी आशंका जताई जा रही है। उधर जैसे ही आरक्षक के फांसी लगाने की जानकारी मिली वैसे ही पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पाण्डे सहित अन्य पुलिस अधिकारी तथा फोरेसिंक विभाग का दल मौके पर पहुंचा और जांच पड़ताल की। उधर हरेेन्द्र फांसी लगा लेगा इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। बताया जा रहा है कि मौके से एक डायरी भी मिली है। जिसमेें आरक्षक हरेन्द्र द्वारा फांसी लगाने की वजह बताई है। डायरी में हरेन्द्र ने अपने साथियों द्वारा परेशान करने का आरोप लगाया है। फिलहाल कोतवाली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। हिन्दुस्थान समाचार/शरद