mp39s-solar-energy-running-metro-train-in-delhi-renewable-energy-production-increased-10-fold-in-9-years
mp39s-solar-energy-running-metro-train-in-delhi-renewable-energy-production-increased-10-fold-in-9-years 
मध्य-प्रदेश

मप्र की सौर ऊर्जा से दिल्ली में दौड़ रही मेट्रो ट्रेन, नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में 9 साल में 10 गुना वृद्धि

Raftaar Desk - P2

भोपाल, 11 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा है कि मध्यप्रदेश में पिछले 9 साल में नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में दस गुना वृद्धि हुई है। प्रदेश में वर्ष 2012 में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता 491 मेगावॉट थी, जो वर्ष 2020 में बढ़कर 5042 मेगावॉट हो गई। इसमें पवन ऊर्जा की 2444 मेगावॉट, सौर ऊर्जा की 2380, बायोमास की 119 और लघु जल विद्युत परियोजना से 99 मेगावॉट बिजली शामिल है। प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि देश की सबसे बड़ी रीवा जिले की अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना की बिजली से दिल्ली की मेट्रो रेल दौड़ रही है। मंत्री डंग ने गुरुवार को जारी अपने बयान में बताया कि नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश लम्बी छलांग लगा रहा है। वर्ष 2020-21 में प्रदेश में सोलर पार्क परियोजना के अन्तर्गत 1500 मेगावॉट की आगर-शाजापुर-नीमच सोलर परियोजना का काम शुरू किया गया है। इसकी निविदा जुलाई 2021 तक पूर्ण कर वर्ष 2023 तक परियोजना स्थापित कर दी जायेगी। इससे उत्पन्न होने वाली बिजली भी प्रदेश के साथ भारतीय रेलवे को भी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि छतरपुर और मुरैना जिलों में भी 2900 मेगावॉट क्षमता के सोलर पार्क परियोजना की स्वीकृति भारत सरकार से मिल गई है। राज्य शासन द्वारा इसके लिये भूमि चिन्हित कर ली गई है। भूमि के आधिपत्य की कार्यवाही प्रचलन में है। विश्व की सबसे बड़ी 600 मेगावॉट क्षमता की ओंकारेश्वर सोलर फ्लोटिंग परियोजना के लिये भी लगभग 2 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र चिन्हित कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि यूएनईपी की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि वर्तमान गति से परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों का उपयोग किया जाता रहा तो संभव है 2050 तक ग्रीनहाऊस गैसों का उत्सर्जन दुगना हो जायेगा। ऐसे मे नवकरणीय ऊर्जा पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिये बेहतर विकल्प के रूप में सामने आयी है। नवकरणीय ऊर्जा प्राकृतिक अक्षय ऊर्जा स्त्रोत जैसे सूर्य, पवन, जल, बायोमास आदि से उत्पन्न की जाती है। विश्व में लगातार बढ़ रही जनसंख्या के कारण ईंधन की लागत बढ़ने के साथ परम्परागत ईंधन भण्डारों में भी निरन्तर कमी होती जा रही है। नवकरणीय ऊर्जा ऐसे में कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस जैसे पारम्पारिक ऊर्जा स्त्रोत पर निर्भरता कम करने में सक्षम है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in