मुरैना, 06 जनवरी (हि.स.)। जिलाधीश अनुराग वर्मा ने बुधवार को शहर के मध्य में संचालित अभ्युदय आश्रम का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मात्र 80 छात्र छात्रायें मौजूद पाए गए। जिलाधीश ने अभ्युदय आश्रम में बालिकाओं के रहने खाने एवं साफ सफाई के संबंध में अवलोकन किया। कई छात्राओं से शिक्षा का स्तर भी परखा। जिलाधीश ने अभ्युदय आश्रम की संचालिका श्रीमती अरूणा छारी को सख्त निर्देश दिये कि सर्दी से बचने के लिये छात्रों का ख्याल पहले रखा जाये स्वयं का नहीं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह आश्रम छात्रों के लिये है उन्हें ही बेहतर सुविधायें दी जायें। संचालिका को बेहतर सुविधायें देना नियम में नहीं। यह आश्रम छात्र छात्राओं के लिये है। जिलाधीश ने छात्रों के कक्षों में पहुंचकर निरीक्षण किया तो कई पलंगों पर चादर फटे हुये थे तो कई पलंग पर चादर नहीं थे। छात्रों के लिये कमरे पर्याप्त संख्या में नहीं थे। जिलाधीश ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये अधीक्षिका को निर्देश दिये कि अधीक्षक रूम में छात्रों का रुकने का प्रबंध किया जाये तथा अधीक्षिका छात्राओं के कक्ष के समीप रूकने की व्यवस्था करे। जिलाधीश ने कहा कि प्रति बच्चे को 750 रुपये मासिक शासन द्वारा प्रदान किया जाता है। उनको ही बेहतर सुविधायें नहीं दे सके तो अगली बार संबंधित अधीक्षिका पर कार्यवाही की जाएगी। उधर जिलाधीश प्रात: बाल संप्रेक्षण गृह पहुंचे। जहां 50 बच्चों के स्थान पर मात्र 30 बच्चे मौजूद थे। जिलाधीश ने बच्चों से शासन द्वारा मिलने वाली सुविधायें जैसे समय पर खाना, नाश्ता, साफ सफाई आदि के संबंध में विस्तार से पूछताछ की एवं उसमें चल रहे रिनोवेशन कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। इसके अलावा जिलाधीश श्री वर्मा ने कैम्पस के बाहर पडी गंदगी को साफ सुथरा बनाने के निर्देश नगर निगम कमिश्नर को दिये। हिन्दुस्थान समाचार/शरद-hindusthansamachar.in