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मध्य-प्रदेश

फिर टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया में भड़की आग

Raftaar Desk - P2

पन्ना, 08 मार्च (हि.स.)। गत तीन दिन पूर्व टाइगर रिजर्व के बफर जोन इलाके में आग भड़की थी और बड़ी मुकिश्ल से काबू पाया गया कि सोमवार सुबह फिर आग ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है। जानकारी के अनुसार गर्मी का मौसम आते ही जंगलों में पतझड़ चालू हो जाता है। सूखे पत्ते जमीन में गिरने से अजयगढ़ के ऊँचे-ऊँचे पहाड़ो में आये दिन आगजनी की घटनाएं सुनने में आती रहती है। जिससे वन संपदा को काफी नुकसान भी होता है। जैसे कि नन्हे पौधे जो कि अभी उग रहे होते है, वह नष्ट हो जाते है। सीजनली बीज जो कि जंगल में गिरे रहते है, इमारती लकड़ी, जंगल के तमाम जीव जंतु, जंगली जानवर व उनके आवास आग में पूरी तरह जलकर नष्ट हो जाते है। सोमवार को सुबह 9 बजे करीब बफर जोन के एरिया पी कक्ष क्रमांक 19, जो कि नगर के वार्ड क्रमांक 1 के रिहायसी इलाके से लगा हुआ है। जिसमे भीषण आग लगी और देखते ही देखते आग ने अपना रौद्र रूप धारण करते हुए ऊपर जंगल की तरफ लगातार बढ़ती चली गयी। इस वर्ष वन की आग रिहायसी इलाके के आसपास ही लग रही है। कुछ दिनों पहले ग्राम तरौनी में भी इसी तरह की आग बस्ती व रिहायसी इलाके के आसपास ही लगी थी। इस बार भी जयस्थम्ब के सामने के जंगल से अस्पताल चौराहे तरफ को व अजयपाल किले तरफ को आग काफी एरिया में फैलती चली गयी। बफर जोन के कर्मचारियों द्वारा आग बुझाने का कार्य चलता रहा परन्तु कम कर्मचारी होने के कारण आग पर जल्दी काबू नही पाया जा सका। घंटो चली मशक्कत के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया गया। वहां के रहवासियों को काफी चिंतित देखा जा सकता था, क्योंकि घरों के पीछे ही जंगल मे आग लगी हुई थी। वहां पर धुंए और आग की आंच लोगो को भयभीत कर रही थी। जरा सी हवा चलने पर जंगल से जलते पत्ते उड़कर रिहायसी इलाको में आ सकते थे, जिससे कोई बड़ी घटना को भी घटित होने से नही नकारा जा सकता था। वनकर्मियों को चाहिए कि इस समय जंगल की अधिक गस्त कर जंगल में माचिस ले जाने वाले लोगो पर सख्ती बरती जाए, जिससे जंगल की आगजनी की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके व किस एरिया से आग भड़कती है इसकी भी विस्तृत जानकारी एकत्रित कर वहां के लोगो को जागरूकता फैलाये। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेश/राजू