कोरोना संदिग्ध का इलाज करना डॉ. खंडेलवाल को पड़ा महंगा, एफआईआर दर्ज
कोरोना संदिग्ध का इलाज करना डॉ. खंडेलवाल को पड़ा महंगा, एफआईआर दर्ज 
मध्य-प्रदेश

कोरोना संदिग्ध का इलाज करना डॉ. खंडेलवाल को पड़ा महंगा, एफआईआर दर्ज

Raftaar Desk - P2

उज्जैन, 11 जून (हि.स.)। बगैर डिग्री के कोरोना गाइडलाइन के खिलाफ ईलाज करने वाले डॉ सुशील खण्डेलवाल के विरुद्ध थाना माधवनगर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। एलोपैथिक के फर्जी डॉ. खंडेलवाल की गिरफ्तारी के लिए सीएसपी रविन्द्र वर्मा के नेतृत्व में माधवनगर पुलिस ने गुरुवार को उनके घर व क्लीनिक पर दबिश दी, लेकिन नहीं मिलने के कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। बताया गया है कि सुशील खंडेलवाल ने आयुर्वेद में डिग्री ले रखी है, जबकि वह एलोपैथिक पद्धति से इलाज कर रहा था। वहीं दूसरी ओर खंडेलवाल ने कोरोना गाइडलाइन के खिलाफ जाकर इलाज किया। नियमानुसार किसी भी डॉक्टर को उन मरीजों का इलाज नहीं करना है, जिन्हें फ्लू है। जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन द्वारा जांच करने के बाद गुरुवार को थाना माधवनगर को एक पत्र दिया गया, जिसमें सुशील खंडेलवाल कार्यवाही करने को कहा गया। पुलिस ने सुशील खंडेलवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 269, 270, 188 के साथ ही एमपी स्टेट काउंसिल एक्ट की धारा 24 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। प्रकरण दर्ज होते ही थाना माधव नगर का पुलिस बल सीएसपी रविंद्र वर्मा के नेतृत्व में डॉक्टर के क्लीनिक व घर पर दबिश देने पहुंचा, पर मौके पर डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। पुलिस की इस कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रेम नारायण शर्मा, सब इंस्पेक्टर नितिन उईके, प्रधान आरक्षक संतोष राव, आरक्षक धर्मेंद्र सूर्यवंशी मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार / गजेंद्र सिंह तोमर-hindusthansamachar.in