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मध्य-प्रदेश

मप्र विधानसभा में लागू होगी शब्दों की आचार संहिता, विधायक नहीं बोल पाएंगे अमार्यदित शब्द

Raftaar Desk - P2

भोपाल, 11 मार्च (हि.स.)। मध्यप्रदेश विधानसभा में जल्द ही शब्दों की आचार संहिता लागू होने जा रही है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने उन शब्दों की सूची बनाई है, जिसका उपयोग विधायकों द्वारा विधानसभा में नहीं किया जा सकेगा। विधायकों को सदन में अपनी बात रखते वक्त भाषा की मर्यादा में रहना होगा। गौरतलब है कि विधानसभा की बैठकों में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के दौरान असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हैं। इस पर अध्यक्ष को अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए ऐसे शब्दों को कार्यवाही से विलोपित करते हैं, लेकिन अब ऐसे शब्द का इस्तेमाल विधानसभा में नहीं हो सकेगा। विधानसभा सूत्रों के मुताबिक, अनुशासनात्मक समिति अप्रैल में विधायकों के ट्रेनिंग सेशन से पहले सूची बनाएगी। विधानसभा सचिवालय विधानसभा में सही व्यवहार के लिए विधायकों को ट्रेंड करने के लिए कोड ला रहा है। विधायकों को शब्दों की सूची भी प्रदान की जाएगी, जिसका उपयोग विधानसभा में नहीं किया जा सकेगा। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का कहना है कि विधानसभा के लिए वे शब्दों की सूची बनाने जा रहे हैं, जो आमतौर पर सदन में विधायकों द्वारा एक-दूसरे पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। झूठा जैसा शब्द असंवेदनशील है। विधायकों को 'असत्य' जैसे शब्दों का उपयोग करना चाहिए। हम विधायकों को उचित और सभ्य भाषा का उपयोग करने के लिए भी कहेंगे। उन्होंने बताया कि कि मौजूदा बजट सत्र के दौरान सदन में होने वाली पूरी कार्यवाही के रिकॉर्ड से कई शब्दों को हटाना होगा, क्योंकि विधायकों ने कई अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद