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मध्य-प्रदेश

परंपरागत से हटकर ड्रिप पद्धति से उगाए फूलगोभी, कमाया मुनाफा

Raftaar Desk - P2

अनूपपुर, 07 फरवरी (हि.स.)। खेती के परंपरागत तरीकों के स्थान पर अब किसान ड्रिप पद्धति से खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं और इस पद्धति से खेती करके भारी मुनाफा कमा रहे हैं। इसमें उन्हें शासन से भी वित्तीय एवं तकनीकी मदद मिल रही है। कोतमा विकासखण्ड के ग्राम लालपुर के किसान उमेश साहू परंपरागत तरीके के स्थान पर ड्रिप पद्धति अपनाकर खेती में भारी मुनाफा कमा रहे हैं। अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए उमेश का रुझान शुरु से उद्यानिकी फसलों की खेती की ओर रहा है। परंपरागत तरीके से खेती करने में उन्हें खास लाभ नहीं हो रहा था। उमेश साहू ने बताया कि उद्यानिकी विभाग की मदद से उन्हें खेतीबाड़ी के लिए ड्रिप सिस्टम हेतु अनुदान उपलब्ध कराया। साथ तकनीकी मार्गदर्शन के साथ पावर टिलर एवं पावर स्प्रे पम्प भी दिया गया। जिससे ड्रिप पद्धति से उद्यानिकी फसलों की खेती शुरु कर दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में ड्रिप पद्धति से मात्र 0.250 हेक्टेयर रकबे में दस हजार रुपये की लागत से फूलगोभी की खेती की शुरुआत की। जिसमे 40-45 क्विंटल फूलगोभी का उत्पादन प्राप्त हुआ, जिससे 60 हजार रुपये की आमदनी हुई। रकम का उपयोग कई जरूरी कार्यों में किया। वह फसल का और उत्पादन बढ़ाने में लगे हुए हैं। ड्रिप पद्धति से फसल का उत्पादन बढऩे से उत्साहित उमेश कहते हैं कि परंपरागत तरीके से खेती करने में विशेष फायदा नहीं था। लेकिन जैसे ही उन्होंने ड्रिप पद्धति से खेती की शुरुआत की, तो फायदा बढ़ता गया। उनके लिए ड्रिप पद्धति फायदेमंद सिद्ध हो रही है। सहायक संचालक उद्यानिकी बीडी नायर ने बताया कि ड्रिप पद्धति फसलों का उत्पादन बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है। इससे उद्यानिकी फसलें लेने वाले किसानों को भरपूर फायदा हो रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in