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मध्य-प्रदेश

जीएसटी के कड़े प्रावधानों के विरोध में बैतूल रहा बंद

Raftaar Desk - P2

बैतूल, 26 फरवरी (हि.स.)। जीएसटी के कड़े प्रावधानों के विरोध में कन्फडरेर्शन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स बैतूल की टीम ने शुक्रवार बैतूल-हरदा संसदीय क्षेत्र के सांसद दुर्गादास उइके एवं बैतूल जिलाधीश को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। कैट के जिलाध्यक्ष मनोज भार्गव ने बताया कि आज जीएसटी कराधान प्रणाली की सबसे निराशाजनक बिगड़ती स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए बैतूल जिला पूर्ण रुप से बंद रहा। उन्होंने कहा कि यह सभी जानते हैं कि कैसे कोविड-19 ने हमारे देश के ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के व्यापार को प्रभावित किया है इस समय जब व्यापार फिर से शुरू होने और अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करने की कोशिश कर रहा है उसके अनुपालन के संबंध में कुछ अधिसूचना जारी की गई हैं जिससे व्यवसाईयों का मनोबल बहुत नीचे आ गया है। व्यवसायी प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि पहले से ही पिछले नौ महीने से कोई व्यवसाय नहीं था और सरकार द्वारा समय-समय पर लाए गए प्रतिबंधों के कारण पूरा व्यापार धीरे-धीरे ऐसी परिस्थितियों में ई-कॉमर्स में बदल रहा है व्यवसाई इतना असहाय है कि इतने अनुपालन के साथ दायित्वों का कैसे गुजारा हो जाए। इस समय जब व्यापार सरकार से कुछ वित्तीय सहायता की उम्मीद कर रहा था जिसके लिए हमने उम्मीद खो दी है। किराना व्यापारी संघ के अध्यक्ष बंटी मोटवानी व अरुण गोठी ने बताया कि सरकारी आदेश झटकों के रूप में सामने आएं हैं जिसमें किसी व्यवसायी को किसी कारण भी अपना रिटर्न दाखिल करने से प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है और ना ही उसे आईटीसी से वंचित किया जा सकता है जो उसने पहले ही इसकी आवक आपूर्ति के खिलाफ भुगतान कर दिया है और साथ ही उसे सुनवाई का अवसर प्रदान किए बिना उसका नंबर निलंबित नहीं किया जा सकता है उस पर ब्याज और जुर्माना लगाया जा सकता है। हेमंत पगारिया व प्रकाश आहूजा ने कहा कि देरी जो सरकार पहले से कर रही है के लिए देर से शुल्क इन नए नियमों को वापस नहीं लिया गया तो पूरा व्यापार चक्र विफल हो जाएगा और कर संग्रह को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा। ज्ञापन में मांग की गई है कि व्यापार को आसान बनाने के लिए प्रोत्साहित करने और उपरोक्त अधिक सूचनाएं तत्काल प्रभाव से वापस ली जाए। राजेश मदान और बबलु खुराना ने कहा कि इस बंद के माध्यम से बैतूल जनरल एवं किराना व्यापारी संघ, सर्राफा व्यापारी संघ, खाद एवं बीज विक्रेता संघ, कपड़ा एवं रेडीमेड व्यापारी संघ, थोक व्यापारी संघ, डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन, ऑटोमोबाइल संघ, टिंबर ऐसे एसोसिएशन, पेट्रोल पंप एसोसिएशन, अनाज एवं तिलहन व्यापारी संघ, औषधि विक्रेता संघ लोहा एवं सीमेंट व्यापारी संघ एवं मोबाइल विक्रेता संघ के सभी सदस्यों ने अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रख सरकार को इन नियमों को वापस लेने के लिए अपनी मंशा बता दी। हिन्दुस्थान समाचार/विवेक/राजू