bandhavgarh-tiger-reserve-veteran-hathni-storm-died
bandhavgarh-tiger-reserve-veteran-hathni-storm-died 
मध्य-प्रदेश

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की वयोवृद्ध हथिनी तूफान की मौत

Raftaar Desk - P2

उमरिया, 04 फरवरी (हि.स.)। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कल्लवाह परिक्षेत्र के जनाड़ हाथी कैंप में वयोवृद्ध हथिनी तूफान की मृत्यु हो गई। तूफान की आयु लगभग 70 वर्ष थी। तूफान विगत 3 दिनों से बीमार थी और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के वन्य जीव चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता द्वारा इसका इलाज किया जा रहा था। बांधवगढ़ टाइकर रिजर्व के क्षेत्र संचालक विसेंट रहीम ने गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि गत 02 फरवरी को रात्रि में वयोवृद्ध हाथिनी तूफान जनाड़ हाथी कैंप के समीप नाले में पानी पीने गई और वहीं बैठ गई थी। इसके बाद वह वहां से उठी ही नहीं और वहीं उसकी मृत्यु हो गई। तूफान की मृत्यु की सूचना मिलने पर वे स्वयं मौके पर पहुंचे और डॉ. नितिन गुप्ता, डॉ, अभय सेंगर एवं पशु चिकित्सक डॉ. हिमांशु के नेतृत्व में वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट का दल गठित कर एनटीसीए के प्रतिनिधि सत्येन्द्र तिवारी की उपस्थिति में शव परीक्षण करवाया गया। विभिन्न अवयवों के सैंपल मृत्यु का कारण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजने हेतु सीलबंद बोतलों में संग्रहित किए गए। तदुपरांत शव को क्षेत्र संचालक, एनटीसीए के प्रतिनिधि एवं वन अधिकारियों के समक्ष गहरा गड्ढा खोदकर दफनाया गया। तूफान के शव पर समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। उल्लेखनीय है कि तूफान को उसकी वृद्धावस्था के कारण गत वर्ष सेवानिवृत्त किया गया था और उसका उपयोग गश्त में नहीं किया जा रहा था। इसके पूर्व तूफान द्वारा बांधवगढ़ में कई रेस्क्यू और गश्त कार्य में सक्रिय योगदान दिया था। बांधवगढ़ के पूर्व तूफान ने कान्हा और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में भी सेवाएं दी थीं। तूफान की संतान वनराज को नौरादेही अभ्यारण्य भेजा गया था और इसकी एक संतान अष्टम, आज भी बांधवगढ़ में कार्यरत है। तूफान को अपने जीवनकाल में कुंभी कछार कैंप में जंगली हाथियों द्वारा घायल भी किया था। तूफान की मृत्यु के साथ अब बांधवगढ़ में मात्र 14 हाथी ही शेष हैं, जिसमें से 8 हाथी ही गश्त में उपयोग किये जा रहे हैं। तूफान की मृत्यु से बांधवगढ़ परिवार में शोक व्याप्त है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in