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मध्य-प्रदेश

सीएम हेल्पलाइन के निराकरण में पिछड़े, 10 अफसरों का वेतन रोका

Raftaar Desk - P2

गुना, 03 मार्च (हि.स.)। जिले में सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण को लेकर कलेक्टर ने विभागवार अफसरों को दिशा निर्देश जारी किए थे, लेकिन 10 विभागों के अधिकारियों ने शिकायतों का निराकरण 30 दिन बाद भी नहीं किया। हालात यह थे कि प्रसूताओं को प्रसव के बाद भी शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिला। करीब 80 से अधिक प्रसूताओं ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। 90 दिन बाद भी उनको इन योजनाओं का लाभ नहीं मिला। कलेक्टर ने सीएमएचओ और सिविल सर्जन का वेतन रोक दिया। उधर, खनिज विभाग सहित 7 अन्य अधिकारियों को वेतन भी मार्च महीने का नहीं मिला है। इन सभी अधिकारियों ने 70 फीसद से कम सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण किया है। जिन अफसरों ने 70 फीसद से अधिक शिकायतों का निराकरण किया है, उनकी कलेक्टर ने सार्वजनिक रूप से पीठ भी थपथपाई। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने एक महीने पहले जिले के सभी विभागों के अफसरों की बैठक लेकर दिशा निर्देश दिए थे कि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण 30 दिन के भीतर करें। इस लक्ष्य को गंभीरता से लेने कहा था। उधर, कलेक्टर ने कहा कि प्रदेश में गुना जिले की तस्वीर अच्छे से पेश करने में आप लोग आगे आएं, लेकिन जिले के 10 अधिकारियों ने कलेक्टर के निर्देश के बाद भी सीएम हेल्पलाइन के निराकरण में रुचि नहीं दिखाई, जिसकी वजह से मार्च महीने का वेतन सीएमएचओ डॉ. पी. बुनकर, सिविल सर्जन डॉ. एचवी जैन और जिला खनिज अधिकारी पांडेय नहीं मिला। अन्य विभागों के सात अधिकारियों को चेतावनी देकर वेतन रोक दिया। सिविल सर्जन बोले- एएनएम की गलती: जिला अस्पताल में प्रसूताओं के प्रसव तीन महीने पहले हुए थे, लेकिन की शासन योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि के लिए वह 90 दिन से चक्कर लगा रही है। प्रसूताओं ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की, तो सिविल सर्जन डॉ. एचवी जैन का कहना था कि एएनएम की वजह से राशि ऑनलाइन नहीं हो सकी है। उन्होंने प्रसूता संबंधी पूरी जानकारी आज नहीं दी है। इसमें एएनएम दोषी है। पहले प्रसव को बताया दूसरा, राशि अटकी: जिला अस्पताल के प्रसूति ग्रह में तीन महीने में 500 से अधिक प्रसव हुए हैं। गरीब प्रसूताओं का पहला प्रसव हुआ था, लेकिन एएनएम ने कागजों में दूसरा प्रसव बता दिया। इन प्रसूताओं का जब दूसरा प्रसव हुआ, तो उसको तीसरा बता दिया गया। जिस वजह से इन प्रसूताओं को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिला। हालांकि, इस बारे में जब सिविल सर्जन से बात की, तो उनका कहना था कि इसमें गलती एएनएम की है। इसको लेकर कार्रवाई भी की जाएगी। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण नहीं करने वाले 10 विभाग के अधिकारियों का वेतन रोका गया है। इन अधिकारियों को 30 दिन में 70 फीसद शिकायतों का निराकरण करने की बात कही थी, लेकिन आज तक शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ है। - कुमार पुरुषोत्तम, कलेक्टर गुना हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक