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मध्य-प्रदेश

रिश्वत के 5 हजार लेकर 10 हजार और मांगे, महिला ने आरक्षक की पकड़ ली कॉलर

Raftaar Desk - P2

गुना, 20 फरवरी (हि.स.)। शहर के तेलघानी चौराहे स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के सामने शनिवार की दोपहर एक आरक्षक महिला से 5 हजार रुपये की रिश्वत लेने के बाद 10 हजार रुपये और देने की मांग करने का दबाव बनाया। इस दौरान आरक्षक और महिला के बीच झूमाझटकी भी हुई। आक्रोशित महिला ने आरक्षक की कॉलर पकडऩे के बाद चिल्लाने लगी। हंगामा होते देख वहां भीड़ जमा हो गई। आरक्षक को जनता ने बीच-बचाव करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस अधीक्षक ने आरक्षक परमानंद शर्मा को निलंबित कर दिया है। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है। एससी-एसटी एक्ट के तहत गुलाब बाई पत्नी भैयालाल सपेरा को राहत राशि के तौर पर 2 लाख मिलने थे। अजाक थाने में पदस्थ आरक्षक परमानंद शर्मा ने राशि स्वीकृत कराने के नाम पर रिश्वत मांगी थी। आरक्षक पहले भी आवेदिका से 40 हजार रुपये की रिश्वत ले चुका था। शनिवार की दोपहर 12.30 बजे आरक्षक बैंक ऑफ बड़ौदा पर पहुंचा। जहां पहले ही आवेदिका गुलाब बाई बैंक खाते से राहत राशि के रुपये निकालने के लिए आई थी। आरक्षक ने पीड़ित से 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी, लेकिन महिला ने 5 हजार रुपये आरक्षक को दे दिए। साथ ही 10 हजार रुपये देने से मना कर दिया। इस दौरान आरक्षक और महिला के विवाद को स?क से गुजरने वाला हर व्यक्ति देखने लगा। साथ ही कई लोगों ने इसका वीडियो बनाकर वॉट्सएप ग्रुपों पर डाल दिया। पुलिस अधीक्षक राजीवकुमार मिश्रा ने कहा कि पुलिस सेवा की सामान्य शर्तों का उल्लंघन करने वाले और भ्रष्ट आचरण के परिचायक होने पर आरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही आरक्षक अनुमति के बिना जिला मुख्यालय नहीं छोड़ सकेगा। मैं भतीजे के खाते में रुपये जमा करने गया था: इस मामले में आरक्षक परमानंद शर्मा ने कहा कि वह गुलाबबाई सपेरा को नहीं जानता है। साथ ही कभी भी इस महिला से नहीं मिला था। मैं शनिवार की दोपहर 12.30 बजे अपने भतीजे दीपक शर्मा के खाते में रुपये जमा करने के लिए गया था। महिला ने अचानक आकर मेरी कॉलर पकड़ ली। मैंने 40 हजार रुपये की रिश्वत न पहले ली थी। साथ ही आज भी मैंने 5 हजार रुपये नहीं लिए हैं। मुझे फंसाने की कोशिश की गई है। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक