बिलासपुर, छह अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बच्चे की अभिरक्षा को लेकर दायर की गई एक याचिका पर फैसला देते हुए कहा है कि यदि पत्नी, पति की इच्छा अनुरूप स्वयं को नहीं ढालती है, तब यह बच्चे की अभिरक्षा से उसे वंचित करने का निर्णायक कारक नहीं होगा। क्लिक »-www.ibc24.in