कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे 
कर्नाटक

बजरंग दल और PFI पर बैन को लेकर बोले प्रियांक खड़गे, कर्नाटक में नफरत के बीज बोने वाले संगठन पर लगेगा प्रतिबंध

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से ही लोग इस बात विचार करने लगे हैं कि क्या कांग्रेस राज्य में हिजाब से बैन हटाने के अलावा बजरंग दल और पीएफआई बैन करेगी। अब इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में अगर कोई संगठन सांप्रदायिक माहौल खराब करने और शांति भंग करने की कोशिश करेगा, उसे बैन करने में उनकी सरकार किसी तरह का संकोच नहीं करेगी। उसके खिलाफ संवैधानिक रूप से कार्रवाई की जाएगी।

असंवैधानिक विधेयक किया जाएगा खारिज

प्रियांक खड़गे से हिजाब से बैन हटाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हम अपने स्टैंड पर स्पष्ट हैं, ऐसे किसी भी किसी भी विधेयक की समीक्षा करेंगे जो कर्नाटक की आर्थिक नीतियों के लिए सही है। कोई भी विधेयक जो राज्य की खराब छवि लाता है, कोई भी विधेयक जो आर्थिक गतिविधियों के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, कोई भी विधेयक जो रोजगार पैदा नहीं करता है, कोई भी विधेयक जो किसी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन करता है, कोई भी विधेयक जो असंवैधानिक है, तो उसकी समीक्षा की जाएगी और यदि आवश्यक हो तो खारिज कर दिया जाएगा।'

बजरंग दल और पीएफआई पर क्या बोले प्रियांक खड़गे

प्रियांक खड़गे से जब बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर बैन लगाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'कोई भी संगठन, धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक, जो असंतोष और नफरत के बीज बोएगा, उसे कर्नाटक में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम कानूनी और संवैधानिक रूप से उनसे निपटेंगे, चाहे वह बजरंग दल, पीएफआई या कोई अन्य संगठन हो। हम उसे प्रतिबंधित करने में नहीं हिचकेंगे।'

प्रियांक खड़गे के बयान पर बीजेपी का पलटवार

बीजेपी के आईडी सेल के हेड अमित मालवीय ने खड़गे के बयान पर पलटवार कर ट्वीट कर कहा कि क्या प्रियांक खड़गे कर्नाटक के सुपर सीएम हैं या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे होने के नाते मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से आगे बोलने का अधिकार मिल गया है? बिना पार्टफोलियो के मंत्री को मुक्त करने बजाय, कांग्रेस को अपनी पांच गारंटी पूरी करने पर ध्यान देना चाहिए।