यूरिया का 2 प्रतिशत घोल बनाकर धान की फसल में छिड़काव करें : डॉ राघव
यूरिया का 2 प्रतिशत घोल बनाकर धान की फसल में छिड़काव करें : डॉ राघव 
झारखंड

यूरिया का 2 प्रतिशत घोल बनाकर धान की फसल में छिड़काव करें : डॉ राघव

Raftaar Desk - P2

रामगढ़, 31 अगस्त (हि.स.) । धान की रोपनी का कार्य पूरा होने के बाद किसानों को लहलहाती फसल कैसे उपलब्ध हो इस पर कृष वैज्ञानिक लोगों को जागरूक कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ राघव ने बताया कि धान की रोपनी का कार्य पूरा हो चुका है। सभी किसान खेत में धान की लहलहाती फसल देख रहे हैं। लेकिन फसल से अधिक उत्पादन की चाह में रासायनिक उर्वरक जैसे यूरिया डी.ए.पी. एवं पोटाश का प्रयोग भी बढ़ रहा है। डॉ राघव ने कहा कि किसान अगर 2 प्रतिशत (100 किलो ग्राम पानी में 2 किलो यूरिया) का घोल बनाकर छिड़काव करते हैं, तो धान की फसल को पोषण भी प्राप्त होगा और यूरिया की बचत होगी। क्योंकि यूरिया का प्रयोग करने से 70-80 प्रतिशत यूरिया की मात्रा पानी में बहकर या धूप में वाष्प बनकर नष्ट हो जाती है। इससे पौधे नाइट्रोजन का सही अवशोषण नहीं कर पाते हैं। अतः यदि किसान भाई कल्ले निकलने एवं गाभेे में बाली निकलने से पूर्व की अवस्था में यदि यूरिया की 2 प्रतिशत का घोल बनाकर छिड़काव करते हैं, तो फसल की बढ़वार भी अच्छी होती है। साथ ही किसान लागत भी कम कर सकते हैं। यदि किसान जैविक उर्वरक जैसे पी एम बी एवं एजोटीबेक्टर से रोपाई करते समय बीज उपचार करें तो रासायनिक उर्वरक के प्रयोग को कम किया जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/अमितेश / वंदना-hindusthansamachar.in