मेदिनीनगर, 21 नवम्बर (हि.स.)। जायसवाल समाज के तत्वावधान में शनिवार को भगवान सहस्त्रार्जुन की जयंती बिरसा नगर स्थित एस एल ए ग्रेटर स्कूल में मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज के उमेश जायसवाल ने किया जबकि संचालन पप्पू जायसवाल ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान सहस्त्रार्जुन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूजा पाठ एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। मौके पर समाज के अध्यक्ष धर्मेंद्र जायसवाल ने कहा कि प्रतिवर्ष कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी को उनकी जयंती मनाई जाती है। सहस्त्रार्जुन एक चंद्रवंशी राजा था। उनका जन्म महाराज हैहय की 10वीं पीढ़ी में माता पद्मिनी के गर्भ से हुआ था। उनका जन्म एक क्षत्रिय वंश में हुआ था । पुराणों में भी उनके कई नाम हैं चकरा अवतार, दशग्रीव, राजराजेश्वर आदि नाम से उन्हें जाना जाता है। उन्होंने कई ऐसे कार्य किए हैं, जो आज ग्रंथों में पढ़ने को मिलता है। समाज के पप्पू जायसवाल ने कहा कि सहस्त्रार्जुन भगवान दत्तात्रेय भगवान के परम भक्त थे उनकी घोर तपस्या की थी, जिसमें भगवान प्रसन्न होकर उन्हें एक हजार भुजाएं प्रदान की थी और वे चक्रवर्ती सम्राट भी बने थे। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/ वंदना-hindusthansamachar.in