trial-of-distillation-unit-was-successful-oil-from-lemongrass-turned-out
trial-of-distillation-unit-was-successful-oil-from-lemongrass-turned-out 
झारखंड

सफल रहा आसवन इकाई का ट्रायल, निकला लेमनग्रास से तेल

Raftaar Desk - P2

-एक टन लेमन ग्रास से तीन घंटे में निकलेगा दस लीटर तेल खूंटी, 09 अप्रैल (हि.स.)।अफीम की खेती के विकल्प के रूप में औषधीय और सगंध पौधों की खेती को जिले में स्थापित करने का सपना साकार हो रहा है। खूंटी जिले में लोग लेमनग्रास, तुलसी, पामारोजा की खेती करना तो चाहते हैं, लेकिन खेती के बाद तेल निकालने और बाजार की व्यवस्था को लेकर किसान चिंतित थे। इसके कारण औषधीय और सगंध पौधों की खेती जोर नहीं पकड़ पा रही थी, लेकिन विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, डीसी शशि रंजन के अथक प्रयास के बाद जिले के मुरहू प्रखंड के सुरूंदा गांव में आसवन इकाई का अधिष्ठापन हुआ। इसका सफल ट्रायल शुक्रवार को किया गया। मौके पर जेएसएलपीएस के डीपीएम शैलेश रंजन, ग्रामप्रधान सावना मुंडू समेत सुरूंदा गांव में महिला-पुरुष उपस्थित थे। गांव के सीमाराम पाहन ने ट्रायल से पूर्व केटे सिंङबोंगा का आह्वान किया। पाहन ने गोवारी करते हुए सिंङबोंगा से कामना की कि यह आसवन केंद्र सफलता पूर्वक चले और इससे खूंटी जिले के लोगों को लाभ मिले। लोग बुराइयों को त्यागकर सही राह को अपनायें व गांव.घर में खुशियां आए। आसवन केंद्र के स्थापित होने से सुरूंदा गांव समेत आसपास के लोगों में खुशी की लहर है। दर्जनों किसान अब लेमन ग्रास की खेती करने की तैयारियों में जुट गए हैं। आसवन इकाई का उदघाटन 13 अप्रैल को होना था, जिसे कोविड-19 के कारण डीसी शशि रंजन के निर्देशानुसार स्थगित कर दिया गया है। कोरोना संक्रमण के कम होते और सरकार ककी नयी गाइड लाइन के आने के बाद उद्घाटन की तिथि तय की जाएगी। सुरूंदा में अधिष्ठापित आसवन इकाई की तमाम मशीनें असम से मंगायी गई हैं। यह झारखंड में सबसे बेहतर और आधुनिक आसवन इकाई है। इससे एक टन लेमन ग्रास के तेल का पहला खेप चाढ़े चार घंटे में और उसके बाद लगातार हर तीन घंटे में दस-दस लीटर तेल निकाला जा सकता है। लगभग 200 एकड़ में हुई है लेमनग्रास की खेती जिले में जेएसएलपीएस द्वारा 135 एकड़ में और सेवा वेलफेयर सोसाइटी के सहयोग से 60 एकड़ में लेमनग्रास की खेती की गईए जिससे अब तेल निकालना आसान हो गया है। सुरूंदा में आसवन इकाई का अधिष्ठापन अकांक्षी जिला योजना के तहत किया गया है। इसकी लागत 19 लाख रुपये है। सेवा वेलफेयर सोसाइटी ने इसके अधिष्ठापन के लिए पिछले दो वर्षों से ग्रामसभा और जिला प्रशासन के बीच की कड़ी बनकर काम किया है। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल