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झारखंड

डॉ सिराजुद्दीन के इलाज के लिए रिम्स के चिकित्सकों ने दिखायी थी दरियादिली

Raftaar Desk - P2

12/05/2021 रांची, 12 मई (हि. स.)। रिम्स के जूनियर डॉक्टर की कोरोना से हुई मौत से सारे चिकित्सकों में आक्रोश है। सरकार ने भी अब तक बस सांत्वना ही दिये हैं, किसी तरह की मदद नहीं की। उनके मदद के लिए अनगिनत हाथ बढ़े थे। खून से लेकर पैसे तक की मदद को रिम्स के डॉक्टर आगे आये थे। ईसीएमओ के लिए छह यूनिट ब्लड की जरूरत थी, रिम्स ब्लड बैंक की मदद से महज कुछ ही समय में ब्लड की व्यवस्था कर दी गई थी। वहीं, दूसरी ओर टीम प्रन्यास के साथ डॉ स्मिता गुप्ता और उनके फ्रेंड्स ग्रुप ने मिलकर दो लाख की आर्थिक मदद की। पैथोलॉजी विभाग की चिकित्सक डॉ स्मिता गुप्ता हमेशा से ही लोगों की मदद करते आयी हैं। नियमित रूप से रक्तदान करना एवं लोगों को प्रेरित करना इनकी आदत रही है। छह अप्रैल को भी डॉ संजय कुमार के द्वारा रिम्स टीचर एसोसिएशन ग्रुप में रिम्स के ही 98 बैच के चिकित्सक डॉ राजन के लिए मदद माँगी गयी थी। उस समय भी डॉ स्मिता गुप्ता ने अपने दोस्तों के सहयोग से 22 हज़ार की अर्थिक मदद की थी। डॉ सिराजुद्दीन की नाज़ुक स्थिति के मद्देनजर पैथोलॉजी पीजी के छात्रों ने काफ़ी तत्परता से 40 हजार रुपये की आर्थिक मदद की थी। साथ ही विभाग के सीनियर चिकित्सकों ने भी भरपूर मदद की सहमती जतायी थी। डॉ सिराजुद्दीन की इलाज में लाखों रुपये खर्च हुए, लेकिन सरकार ने अब तक कोई पहल नहीं की है। रिम्स के जूनियर डॉक्टर जल्द से जल्द उनके परिवार को मदद करने की गुहार कर चुके हैं। टीम प्रन्यास के अध्यक्ष डॉ चंद्रभूषण ने बुधवार को बताया कि चिकित्सक अगर संक्रमित होते हैं तो इनके इलाज की पूरी व्यवस्था सरकार की ओर से सुनिश्चित किया जाना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/चंद्र