Supported the peasant movement through cultural resistance
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झारखंड

सांस्कृतिक प्रतिरोध के जरिए किसान आंदोलन का समर्थन किया

Raftaar Desk - P2

मेदिनीनगर, 14 जनवरी (हि.स.)। सफदर हाशमी की याद में चलो गांव की ओर कार्यक्रम के तहत इप्टा के कलाकरों ने किसानों के सम्मान में सांस्कृतिक प्रतिरोध के जरिए आंदोलन का समर्थन किया। इस दौरान गुरुवार को इप्टा के कलाकारों ने चैनपुर के सलतुआ और नेउरा में किसानों पर आधारित नाटक संघर्ष जारी है, जारी रहेगा प्रस्तुति किया। इप्टा के वरिष्ठ रंगकर्मी प्रेम प्रकाश द्वारा लिखित व निर्देशित नाटक में अनुभव मिश्रा, प्रांजल मिश्रा, आकर्ष कुमार ने अपने आकर्षक अभिनय और संवाद से लोगों को बताया कि कृषि विकास के नाम पर बनाए गए तीन कानून किसानों के मौत का फरमान है, उन्हें गुलाम बनाने की साजिश हूं। नाटक में पार्श्व संगीत रविशंकर, दिनेश शर्मा व भोलाने दिया। कार्यक्रम के दौरान अखिल भारतीय किसान महासभा झारखंड के कार्यकारी अध्यक्ष केडी सिंह, इप्टा के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र कुमार व भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राज्य अध्यक्ष शिव शंकर प्रसाद ने भी अपनी बात रखी। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र के मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून न सिर्फ किसानों को गुलाम बनाने की साजिश है, बल्कि इससे उपभोक्ता वर्ग का जीवन भी बदहाल होगा। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in