रांची, 13 जनवरी (हि.स.)। विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत मंत्री व अभियान प्रांत प्रमुख डॉ बिरेन्द्र साहु ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण जनसंपर्क अभियान विश्व कीर्तिमान कायम करेगा। पूजन-अर्चन कर प्रांत के सभी गांवों - मुहल्लों में 15 जनवरी से अभियान का शुभारम्भ होगा। 15 जनवरी को मकर सक्रांति के पावन बेला पर कार्यकर्ता अपने आराध्य देवों का पूजन-अर्चन करते हुए अभियान का शुभारंभ करेंगे। यह अभियान 44 दिनों तक निरंतर चलता रहेगा, 27 फरवरी को अभियान समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या के पावन भूमि पर पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का मंदिर अलौकिक व अद्वितीय होगा। अयोध्या में 492 वर्ष पूर्व भव्य मंदिर विराजमान था, लेकिन भारतीय संस्कृति के विनाशक व अधर्मीयों के द्वारा भगवान राम का मंदिर को क्षति पहुंचाकर गुंबद नुमा कुछ ढांचा खड़ा करने का प्रयास किया गया था। भगवान श्रीराम धर्म के मूर्तिमंत स्वरूप हैं। भारत के समस्त हिंदू जनमानस की आत्मा है। इस मंदिर को पुनः प्राप्त करने में समस्त हिंदू जनमानस के लगभग 20 पीढ़ियों के अनवरत 76 संघर्षों व साढ़े चार लाख बलिदान देकर अपनी आत्मसम्मान को बचाए रखने का चेस्टा किया गया। विधर्मीयों को यह ज्ञात था कि सनातन संस्कृति में देवालयों का अनुपम स्थान है। समस्त जनमानस के आस्था का केंद्र है। भारत भू-धरा पर सनातन संस्कृति की अवधारणा को कुचलने की दृष्टिकोण रखते हुए यहाँ विराजमान आस्था के केंद्रों को नष्ट करने का दुस्साहस करते रहे, लेकिन हिंदू जनमानस ने कभी हार नहीं मानी। निरंतर संघर्ष का ही आज प्रतिफल के रूप में भारतीय सनातन समाज को पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का भव्य मंदिर को अवलोकन का क्षण प्राप्त होने वाला है। डॉ०बिरेन्द्र साहु ने कहा भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू- कान्हू, चांद-भैरव, नीलाम्बर पीताम्बर का यह पावन भूमि भगवान राम के साथ जुड़ा हुआ है। रामरेखा धाम व हनुमान जी की जन्म स्थली अंजन धाम अनायास ही भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम का याद दिलाता है। इस पावन क्षेत्र के भी जनमानस भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के निमित्त अपना सर्वस्व त्याग करने का संकल्प दूहरा रहे हैं। समाज में लिंग, जाति, वर्ग, भाषा, संप्रदाय, क्षेत्र आदि भेदों से ऊपर उठकर एकात्मभाव से भगवान श्री राम के मंदिर के लिए अपने सामर्थ्य के अनुकूल धन व समय अर्पण करने का संकल्प के साथ अभियान से जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मंदिर 2.7 एकड़ क्षेत्र में कुल 57.400 वर्ग फुट में बनाई जाएगी। मंदिर की लंबाई 360 फुट, चौड़ाई 335 फुट, ऊंचाई शिखर तक 161 फुट होगी। कुल मंडपों की संख्या 5 होगी। कुल 3 तल्ले के होंगे, प्रत्येक तल 20 फुट का होगा। उन्होंने कहा रामराज में परस्पर प्रेम, सद्भाव, मैत्री, करुणा, दया, ममता, समता, बंधुत्व, आरोग्य ,त्रिविध ताप विहीन, सर्वसमृद्धि पूर्ण जीवन समृद्ध था जिसे पुनः स्थापित करने का संकल्प लेकर कार्य पूर्ण किया जाएगा। डॉ०बिरेन्द्र साहु ने विश्व हिन्दू परिषद व श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण समिति, झारखण्ड प्रांत की ओर से समाज से आह्वान करते हुए कहा दान भारतीय सनातन समाज की पुरातन विशेषता रही है। प्राचीन परंपरा के अनुसार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अधीनस्थ बन रही श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समस्त समाज सात्विक दान करें। अभियान के तहत संग्रह की गई राशि का हिसाब-किताब दैनिक होगा। सभी कार्यक्रम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के दिशानिर्देश पर ही चलेंगे। इस अभियान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी अनुषांगिक संगठन भाग लेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/ विकास-hindusthansamachar.in