रांची, 17 जनवरी (हि. स.)। झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा है कि राज्य की गठबंधन सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ‘‘नो टॉलरेंस’’ की नीति पर काम कर रही है। गांव में विकास कार्यों, पीडीएस सिस्टम और जनहित के कार्यां पर नजर रखने के लिए इस महीने के अंत तक 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति का गठन कर लिये जाने की उम्मीद है, गांव स्तर पर इन पर निगरानी रखी जा सके, इसके लिए आम लोगों को सम्मिलित किया जाएगा। इस समिति में झारखंड मुक्ति मोर्चा और अन्य सहयोगी दलों को भी शामिल किया जाना है, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश तथा राजेश ठाकुर के नेतृत्व में विचार-विमर्श के लिए एक समिति गठित की गयी है। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष यदि समिति में विस्तार का सुझाव देते है, तो उस पर भी विचार किया जाएगा। आरपीएन सिंह रविवार को रांची में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार तानाशाह की तरह रवैया अख्तियार कर रही है, देश की 70 प्रतिशत किसान और मजदूर है, केंद्र की भाजपा सरकार ने इन्हीं पर बर्बरतापूर्ण वार किया है, कांग्रेस पार्टी किसानों की हर पीड़ा और लड़ाई में उनके साथ है, इसके लिए सड़क से लेकर सदर तक आंदोलन चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देने के वायदे को पूरा किया है, ऋण माफी का काम भी शुरू हो गया है। एक साल में कोविड-19 संक्रमण काल के बावजूद राज्य सरकार ने तमाम क्रांतिकारी कदम उठाये है। भाजपा रोज-रोजकर कुछ बात कहती है, राज्य सरकार पर कई सवाल उठाती है, लेकिन उन्हें यह बताना चाहता हूं कि राज्य की जनता ने पांच वर्षां तक कांग्रेस गठबंधन सरकार को जनादेश किया है, चुनाव घोषणा पत्र में जो-जो वायदे किये गये थे, उन सभी घोषणाओं को पूरा किया जाएगा और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ चीजें जल्दी हो गयी है कि कुछ चीजों में व्यावधान उत्पन्न हो रही है, लेकिन सारे संकल्पों को पूरा किया जाएगा। प्रदेश प्रभारी ने कहा कि कोयला और खनिजों की रॉयल्टी, केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों पर भूमि लीज समेत अन्य बकाया और जीएसटी का पैसा केंद्र सरकार का नहीं है, बल्कि इस पर झारखंड सरकार का हक है। लेकिन बड़े ही दुःख की बात है कि केंद्र सरकार की ओर से एक ओर से इस राशि को देने में भी आनाकानी की जा रही है, वहीं दूसरी ओर नियम और समझौते का हवाला देकर झारखंड सरकार के खाते से आरबीआई द्वारा राशि काट ली जा रही है, लेकिन विपक्ष में रहने के बावजूद भाजपा ने इसके खिलाफ एक बार भी आवाज उठाने का काम नहीं किया। दूसरी तरफ गठबंधन सरकार के एक वर्ष में मनरेगा की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रिकॉर्ड रोजगार सृजन किया गया, देशभर में झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़ में मनरेगा के माध्यम से लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का काम किया। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना में झारखंड पहले नंबर पर आया। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन सरकार इवेंट मैनेजमेंट की सरकार नहीं है, राज्य सरकार सभी वर्गां के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। पार्टी के दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की संगठन में वापसी के संबंध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में आरपीएन सिंह ने कहा कि यह मसला केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष विचाराधीन है और नेतृत्व को ही निर्णय लेना है, इसलिए इस संबंध में वे कुछ नहीं कह सकते। पार्टी के वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी द्वारा संगठनात्मक मुद्दे को लेकर उठाये गये सवाल पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में रांची पहुंचने से पहले ही वे अपनी बात को रख चुके है और अब इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in