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झारखंड

सरकार जो करना चाहती है उसका कोई तुक नहीं बनता : बाबूलाल मरांडी

Raftaar Desk - P2

रांची, 21 मार्च (हि. स.)। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार जो करना चाहती है उसका कोई तुक नहीं बनता। रविवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में मरांडी ने कहा कि सोमवार को सदन में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए किसी कानून पर चर्चा होगी। सरकार महंगाई पर भी चर्चा कराना चाहती है लेकिन हम जानना चाहते हैं कि इसका तुक क्या है। तीनों कृषि कानून संसद से पास हो चुका है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों से कानून पास किया जा चुका है। तब विधानसभा में इस पर चर्चा कराने का कोई मतलब नहीं है। मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार का यह सारा हथकंडा केवल और केवल प्रदेश के असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए हैं। सरकार असल मुद्दों से भागती है। विपक्ष को बोलने ही नहीं दिया जाता। सदन में सवालों का जवाब नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जानती है कि वह देश की सत्ता में कभी वापसी नहीं कर सकती। इस हकीकत से कांग्रेस बौखला गई है। उसके पास कोई मुद्दा नहीं है जनता के लिए। इसलिए कृषि कानून पर किसानों और आम लोगों को भ्रमित कर रही है। लोगों के पास जाकर झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा कहती है कि कृषि कानूनों के जरिए केंद्र की भाजपा सरकार किसानों की जमीन छीनना चाहती है लेकिन मैं कहता हूं कि साधारण से साधारण व्यक्ति भी यदि कृषि कानूनों को ढंग से पड़ेगा तो समझ जाएगा कि इसमें किसानों की जमीन छीनने जैसी कोई बात नहीं है। यह कानून केवल और केवल किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराने और उनके आय में वृद्धि करने के लिए है। कांग्रेस शुरुआत से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में कृषि। कानून के खिलाफ झूठ फैला रही है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार संसद द्वारा पारित कृषि कानून पर विधानसभा में चर्चा कराना चाहती है। यह बिल्कुल असंवैधानिक है। राज्यों की तरफ से यह बेहद ही गलत परिपाटी की शुरुआत की जा रही है। जब संसद के दोनों सदनों से कानून पास हो चुका है। मतलब कि राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी कानून पर सहमति जताई है। अब उस कानून पर राज्य में चर्चा करने से क्या हासिल होगा। उन्होंने कहा कि सोमवार को हम सदन में हेमंत सरकार के इस फैसले का विरोध करेंगे। जरूरत पड़ी तो सदन का बहिष्कार भी किया जाएगा। हम इस मुद्दे पर बिल्कुल भी चर्चा नहीं होने देंगे क्योंकि यह असंवैधानिक है। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण