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झारखंड

छह साल तक सुध नहीं, पद मुक्त होते ही राजनीति करने लगे छावनी परिषद के पूर्व मुखिया : सुरेंद्र महतो

Raftaar Desk - P2

रामगढ़, 21 जून (हि.स.)। रामगढ़ छावनी परिषद के वार्ड मुखिया पद मुक्त होते ही राजनीतिक रोटी सेकने लगे हैं। पिछले छह वर्षों में उन्हें ना तो क्षेत्र की समस्या नजर आई, और ना ही जनता का सुध इन्होंने लिया। यह बात सोमवार को प्रेस बयान जारी कर आजसू जिला प्रवक्ता सुरेंद्र महतो ने कही। उन्होंने कहा कि छावनी परिषद क्षेत्र में आठ वार्ड हैं। इनमें चयनित सभी मुखिया कोरोना काल की वजह से छह साल तक पद पर बने रहे। लेकिन इन लोगों ने पेयजलापूर्ति की मूल समस्या तक को दूर नहीं किया। पद मुक्त होते ही वह अब लोगों के हितैषी बनने में लगे हैं। सोमवार से छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष अनमोल सिंह के नेतृत्व में सभी पूर्व मुखियाओं ने पीएचइडी विभाग के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। इसका मुख्य मुद्दा उन्होंने पेयजल आपूर्ति फेज 2 योजना के पूर्ण नहीं होने को बनाया है। जब वर्ष 2016 में पेयजल आपूर्ति फेज 2 योजना का शिलान्यास हुआ था, तब से लेकर कार्यकाल पूरा होने तक किसी ने भी इस मुद्दे को नहीं उठाया। छावनी परिषद की ओर से साढ़े 18 करोड़ की योजना में से 16 करोड़ का भुगतान भी पीएचडी विभाग को कर दिया गया। लेकिन किसी भी मुखिया का ध्यान उस ओर नहीं गया। इसके अलावा छावनी परिषद क्षेत्र में नाली, गली, सड़क, पानी की समस्या भी यथावत है। अब जैसे ही उन लोगों को पद मुक्त किया गया, उन्होंने दूसरे विभाग के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है। उन्हें सबसे पहले अपने क्षेत्र में घूम कर यह देखना चाहिए कि उनके द्वारा किए गए एक भी वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। उनके घड़ियाली आंसू को जनता भी समझ रही है। हिन्दुस्थान समाचार/ अमितेश