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झारखंड

मांगे नहीं मानी गई तो आमरण अनशन और उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे: वित्त कर्मी

Raftaar Desk - P2

रांची, 07 फरवरी (हि.स.)। 14वें वित्त कर्मी संघ का संविदा अवधि विस्तार को लेकर लगातार 52 वें दिन भी धरना जारी रहा। वित्त कर्मियों ने रविवार को भी शांतिपूर्ण तरीके से नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। मौके पर बताया गाया कि कर्मी संघ की ओर से निर्णय लिया गया है कि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख द्वारा दिया गया आश्वासन भी अब झूठा नजर आने लगा है, क्योंकि उन्होंने 2 से 4 दिन का समय मांगे था लेकिन अब तक हम सभी 14वें वित्त कर्मी के प्रति कुछ भी सकारात्मक पहल नजर नहीं आ रही है। कर्मी संघ की ओर से निर्णय लिया गया कि अगर मंगलवार कुछ सकारात्मक पहल नहीं की जाती है तो सभी आमरण अनशन और उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी। कर्मियों ने बताया कि हम सभी उचित मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार केवल आश्वासन देती है और मीडिया के द्वारा गलत बयान देती है । आश्वासन एवं बयान दोनों कहीं से भी मेलजोल नहीं खाता है। हम सभी को मंत्री बादल पत्रलेख एवं ग्रामीण विकास मंत्री पर पूर्ण भरोसा है कि हम सभी के साथ न्याय करेंगे। हम सभी का संविदा अवधि विस्तार पत्र के लिए नियमावली कैबिनेट में जरूर तैयार करेंगे l हिन्दुस्थान समाचार/ विकास-hindusthansamachar.in