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झारखंड

हेमंत नहीं पीछे से कोई और चला रहा सरकार : बाबूलाल मरांडी

Raftaar Desk - P2

हजारीबाग, 22 जनवरी (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जनता हित को छोड़ हेमंत सरकार अपने में ही मस्त हैं। उन्होंने कहा कि एक साल से अधिक इस सरकार को हो गया है, लेकिन परिस्थितियां और बिगड़ गई हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के लिए कानून व्यवस्था प्राथमिकता सूची में रहता है। लेकिन हेमंत सोरेन के आने के बाद राज्य की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। महिलाओं के साथ यौन शोषण और उनकी हत्या में बढ़ोतरी हुई है। एक साल में 1700 महिलाएं इससे पीड़ित हुई है। इसमें करीब 600 से अधिक आदिवासी हैं। राज्य में रंगदारी व लेवी मांगने की घटना बढ़ी है। स्थिति यहां तक है कि इस बाबत एक मामले में जब एसपी से शिकायत की गई तो उनके द्वारा मामले में समझौता कर लेने की बात कही गई। मरांडी सदर विधायक मनीष जायसवाल के कार्यालय में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार हेमंत नहीं कोई और पीछे से चला रहा है। उन्होंने कहा कि दो ऐसे मामले आए जब पुलिस उपाधीक्षकों के स्थानांतरण की सूची बनी और फिर इसे विलोपित कर दिया गया। मरांडी ने कहा कि पुलिस उपाधीक्षकों का स्थानांतरण मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री, डीजीपी व अन्य के विमर्श पर होता है, लेकिन पूरी सूची विलोपित कर देना साबित करता है कि सरकार का मुखिया कोई और है यही कारण है कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति राज्य में दयनीय है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में वर्तमान सरकार में भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि बड़े मामलों को छोड़ दे तो थाना, प्रखंड व अंचल स्तर पर भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी हुई है। इतना ही नहीं ये कलेक्शन सेंटर के रूप में विकसित हुए हैं। अधिकारियों का स्थानांतरण व पदस्थापन में भी भ्रष्टाचार की खुलेआम चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि विकास के मामले में भी सरकार विफल रही है। राज्य की योजनाओं को तो छोड़ दें, केंद्र संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में भी राज्य सरकार की रुचि नहीं है, यही कारण है कि विकास के कार्य ठप पड़े हैं। सरकार की अकर्मण्यता के कारण खजाना खाली: जयंत सिन्हा सांसद सह लोकसभा की वित्तीय समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार खजाना खाली होने का आरोप लगाते हैं, लेकिन जिस प्रकार की कार्यशीलता है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि सरकार की अकर्मण्यता के कारण खजाना खाली है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि कोरोना काल में जीएसटी का कलेक्शन कम हुआ है, लेकिन सरकार इसकी भरपाई के लिए सभी राज्यों को आरबीआई से बहुत कम ब्याज पर ऋण प्राप्त करने का प्रस्ताव दिया था। झारखण्ड इस मामले में ऋण प्राप्त करने वाला सबसे अंतिम राज्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत उनके द्वारा हजारीबाग एवं रामगढ़ में 180 सड़कों के जीर्णोद्धार के लिए लिखा गया, लेकिन राज्य सरकार ने कोई प्रस्ताव बनाकर नहीं भेजा। ऐसा होने के कारण इन 180 सड़कों पर खर्च होने वाली केंद्र की पूरी राशि का उपयोग नहीं हो पाया है। हिन्दुस्थान समाचार/शाद्वल-hindusthansamachar.in