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झारखंड

लोहा-इस्पात की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार कर रही उपाय: धर्मेन्द्र प्रधान

Raftaar Desk - P2

रांची, 03 फरवरी (हि.स.)। देश में लोहे और इस्पात की बढ़ती मांग के अनुरूप उपलब्धता में कमी और इस वजह से लोहा-इस्पात की कीमतों में वृद्धि से सरकार चिंतित है। सरकार ने लोहा-इस्पात की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों में कमी लाने के लिए घरेलू उत्पादन में तेजी लाने के लिए कई कदम उठाये हैं। बुधवार को राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी दी। मंत्री ने पोद्दार के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि लौह अयस्क और इस्पात की मांग और आपूर्ति में असंतुलन के कारण हाल के महीनों में लोहा और इस्पात की कीमतों में वृद्धि हुई है। मंत्री प्रधान ने बताया कि एक नियंत्रण मुक्त, खुले बाज़ार के परिदृश्य में घरेलू इस्पात का मूल्य मांग व पूर्ति के बाज़ार के कारकों और कच्चे माल के मूल्यों के रुझान द्वारा निर्धारित होता है। कई बार यह वैश्विक परिस्थितियों द्वारा प्रभावित भी होता है। लौह अयस्क की कमी को लोहा-इस्पात की कीमतों में वृद्धि की बड़ी वजह बताते हुए प्रधान ने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में नवम्बर 2020 तक लौह अयस्क का उत्पादन 112 एमटी ही रहा, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 152 एमटी लौह अयस्क का उत्पादन हुआ था। मार्च 2020 की नीलामी के बाद ओडिशा में 13 चालू खनन पट्टों का ऑपरेशन नहीं हुआ, जिसके कारण इसकी उपलब्धता कम हुई और इस वजह से लौह अयस्क के मूल्य में वृद्धि हुई। लौह अयस्क की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए सरकार अन्य उपायों के साथ-साथ खनन और खनिज नीति सुधार, सरकारी खनन कंपनियों द्वारा उत्पादन एवं अधिकतम क्षमता उपयोग में तेजी लाना, सेल को 25 प्रतिशत फ्रेश फाइन और 70 एमटी डंप तथा अवशिष्ट बेचने की अनुमति प्रदान करना, सेल द्वारा लौह अयस्क फाइन की नीलामी में तेजी लाना और ओडिशा की जब्त कार्यशील खदानों का राज्य एवं केंद्र के पीएसयू आदि द्वारा जल्द प्रचालन जैसे कदम उठा रही है। उन्होंने ने आश्वस्त किया कि जल्दी ही लौह अयस्क की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे न सिर्फ लोहा-इस्पात का उत्पादन मांग के अनुरूप हो सकेगा बल्कि इसकी कीमतें भी नियंत्रित होंगी हिन्दुस्थान समाचार / वंदना-hindusthansamachar.in