drip-irrigation-boon-for-farmers-profit-doubled
drip-irrigation-boon-for-farmers-profit-doubled 
झारखंड

टपक सिंचाई किसानों के लिए बनी वरदान, दोगुना हो गया लाभ

Raftaar Desk - P2

रांची, 18 मार्च (हि.स.)। राज्य के नौ जिलों के 30 प्रखण्डों में सूक्ष्म टपक सिंचाई परियोजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। राज्य सरकार झारखण्ड बाग़वानी सघनीकरण सूक्ष्म टपक सिंचाई परियोजना को लगातार विस्तार देने में जुटी है। टपक सिंचाई के जरिए कम पानी से बेहतर फसल उपजाने के लिए प्रशिक्षण एवं सुविधा मुहैया करायी जा रही है। गिरीडीह जिले के बेंगाबाद प्रखंड के झलकडीह गांव की याशमीन खातून का कहना है कि वे पिछले दो साल से टपक सिंचाई से खेती कर रही हैं। मंजिल आजीविका महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य याशमीन का कहना है कि जहां पहले साल भर में 50 हज़ार रुपये की आमदनी करना मुश्किल था। आज एक फसल के ज़रिये ही 50-60 हज़ार रुपये की आमदनी हो जाती है। वह कहती हैं, वह पहले पारंपरिक तरीके से खेती करती थी। पानी की कमी से साल भर में सिर्फ एक ही फसल लगा पाती थी लेकिन अब तीन फसल तक लगा लेती हैं। तब उन्हें लाइन विधि से न तो बुवाई की जानकारी थी और ना ही सही मात्रा में उर्वरक के इस्तेमाल की। पानी की कमी का निदान बना टपक सिंचाई- ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा झारखंड बागवानी सघनीकरण सूक्ष्म टपक सिंचाई परियोजना चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य राज्य के कृषकों को स्थायी एवं पर्यावरण अनुकूल कृषि के जरिए सब्जी उत्पादन में बढ़ोतरी कराना है। इस परियोजना के अंतर्गत टपक सिंचाई, पॉलीनर्सरी हाउस और उच्चगुणवता वाले केचुआ खाद इकाई के साधन उपलब्ध कराया जा रहा है। नतीजा यह है कि साल में एक फसल पर निर्भर हजारों कृषक अब साल में तीन-चार फसल उपजाकर अपना लाभ दोगुना से भी अधिक बढ़ा लिए हैं। गौरतलब है कि झारखण्ड में पानी की सीमित उपलब्धता किसानों के लिए हमेशा से ही एक समस्या रही है। ऐसे में टपक सिंचाई परियोजना वरदान साबित हो रही है। टपक सिंचाई से सब्जी की खेती कर रहीं पश्चिमी सिंहभूम के तांतनगर प्रखंड के एलिगारा गांव निवासी सुनिया कालुन्दिया का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि सिंचाई के तरीके में बदलाव लाने से उत्पादन में बहुत फ़र्क आयेगा और पानी की भी समस्या नहीं रहेगी। सात हजार से ज्यादा किसान ले रहे टपक सिंचाई का लाभ- राज्य के नौ जिलों के 30 प्रखण्डों में झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस परियोजना के जरिए सीमित पानी की उपलब्धता वाले इलाके में किसानों को टपक सिंचाई एवं पर्यावरण अनुकूल खेती से जोड़ कर उनकी आमदनी में इजाफा करना है। अब तक परियोजना संचालित जिलों में सात हजार से ज्यादा किसान सूक्ष्म टपक सिंचाई एवं अन्य सुविधाओं का लाभ लेकर बेहतर उत्पादन और बढ़िया कमाई कर रहे है। एक की जगह अब साल में तीन-चार फसल उगा रहे हैं। अब तक इस परियोजना से जुड़ने के लिए करीब 16 हजार किसानों का पंजीकरण किया जा चुका है। राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में किसानों को सुविधा संपन्न बनाना है ताकि झारखण्ड के कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी उन्हें सिंचाई समेत किसी प्रकार की दिक्कत न हो। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण