cremation
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झारखंड

पिता की अर्थी को बेटी ने कंधा देकर पहुंचाया शमशान

Raftaar Desk - P2

30/04/2021 रामगढ़, 30 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना काल में मौत परिवार वालों पर बिजली बनकर टूट रही है। ना परिवार के लोग आ पा रहे हैं, और ना ही कंधा देने के लिए लोग जुट पा रहे हैं। यह वाकया शुक्रवार को रामगढ़ के अरगड्डा कोलियरी में भी हुआ। यहां पिता की अर्थी को बेटियों ने कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया। स्थानीय कुछ लोगों के सहयोग से मृतक सुजीत सिन्हा का अंतिम संस्कार हो पाया। अरगड्डा निवासी सुजीत सिन्हा पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। घर में ही उनका इलाज उनकी पत्नी बबीता सिन्हा करा रही थीं। शुक्रवार को सुजीत जिंदगी की जंग हार गए। इसके बाद उनकी पत्नी बबीता, बेटी प्रियंका, मनीषा, परी और बेटे सुशांत को उनकी अंतिम संस्कार की चिंता सताने लगी। घर में इतने पुरुष नहीं थे की सुजीत सिन्हा की अर्थी को कंधा देकर शमशान तक पहुंचा सके। अंत में बेटियों ने ही अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और श्मशान घाट तक पहुंचाया। उन लोगों को इस हालत में देखकर अरगड्डा की महाकाल मंडली के अध्यक्ष सूरज कुमार पासवान उर्फ सिक्की पासवान ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर अंतिम संस्कार करने में उनकी मदद की। सूरज पासवान ने बताया कि कोरोना काल में कोई भी व्यक्ति अंतिम संस्कार में शामिल होने से कतरा रहा है। यही वजह है कि अपने परिजनों को खोने वाले परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ अमितेश