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झारखंड

पारा शिक्षकों का मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम स्थगित

Raftaar Desk - P2

रांची, 10 अप्रैल (हि. स.)। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक कोविड 19 विश्वमहामारी के बढ़ते सक्रमण के कारण मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम 16 अप्रैल को स्थगित कर दिया है। लेकिन राज्य सरकार के द्वारा पारा शिक्षकों का स्थायीकरण और वेतनमान नहीं दिए जाने के कारण राज्य के पारा शिक्षको में काफी निराशा है। साथ ही साथ विगत 20 वर्षों से सरकारी विद्यालय में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। कितने पारा शिक्षक रिटायर कर गए, कितने की मृत्यु हो गई। लेकिन राज्य सरकार के द्वारा ना रिटायरमेंट के बाद ना मृत्यु के बाद एक भी रुपया की राशि नहीं दी जाती है। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के सदस्य संजय दुबे ने शनिवार को कहा कि लगभग 17 वर्षों से सेवा कर रहे लगभग 3000 पारा शिक्षक जिनको अप्रशिक्षित एवं एनसी के नाम पर करीब 24 माह से मानदेय रोके हुए हैं। बार-बार मुख्यमंत्री और विभागीय पदाधिकारी से संपर्क होने के बाद भी एक आश्वासन ही मिलता गया। उल्लेखनीय है कि विगत 2018 से पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का निर्माण किया गया था। जिसमें लगभग विभिन्न राज्यों का भी भ्रमण किया गया और भ्रमण करके नौ जून को शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में पारा शिक्षकों का स्थायीकरण वेतनमान के लिए एक अंतरिम बैठक की गई थी। लेकिन आज तक उस बैठक का निर्णय संशोधित करते हुए राज्य में कार्यरत पारा शिक्षकों पर लागू नहीं किया गया, जबकि वर्तमान में शिक्षा विभाग का प्रभार माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव के समय वादा किए थे कि जैसे ही हमारी सरकार बनेगी तीन माह के अंदर राज्य के पारा शिक्षकों को स्थाई करण और वेतनमान देते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित किया जाएगा। आज लगभग 16 माह हो गया लेकिन आज तक सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है। इधर 22 फरवरी को शिक्षक कल्याण कोष की उच्च स्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री बहुत जल्द खुशखबरी देने की बात कही पर पता नही वह दिन कब आएगा। खुशखबरी कब मिलेगी या पूर्व के सरकार की तरह ही आश्वासन की पोटली बनी रहेगी। यह पारा शिक्षक समझ नहीं पा रहे हैं। राज्य के एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा अपने बैनर के तहत घोषणा करती है कि् जब तक संशोधित कर नियमावली लागू नहीं की जाती है तब तक राज्य के पारा शिक्षक आन्दोलनलत रहेंगे। विगत 15 मार्च से लेकर 19 मार्च तक विधानसभा का घेराव किया गया। लेकिन सरकार की ओर कोई वकतव्य ना आना दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर सरकार बात नहीं मानती है तो कोविड 19 गाईड लाइन के पालन करते हुए चरणबद्ध आंदोलन तब तक जारी रहेगी जब तक कि राज्य के 65000 पारा शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित सरकार के द्वारा नहीं किया जाता। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण