आमरण अनशन पर बैठे गैर प्रवासी कश्मीरियों के साथ हो न्याय: सैनिक समाज पार्टी
आमरण अनशन पर बैठे गैर प्रवासी कश्मीरियों के साथ हो न्याय: सैनिक समाज पार्टी 
जम्मू-कश्मीर

आमरण अनशन पर बैठे गैर प्रवासी कश्मीरियों के साथ हो न्याय: सैनिक समाज पार्टी

Raftaar Desk - P2

जम्मू, 25 नवंबर (हि.स.)। सैनिक समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल एसएस पठानिया ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र सरकार से कश्मीर के गैर प्रवासी कश्मीरी पंडितों की समस्याओं को हल करने के प्रति प्राथमिकता के आधार पर वास्तविक सहानुभूति और करुणा दिखाने का बुधवार को आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित, जो 1947 में कुल आबादी का 15 प्रतिशत थे वे 1981 में कश्मीर के कट्टरपंथी राजनेताओं द्वारा विधिवत समर्थित कट्टरपंथ द्वारा निरंतर उत्पीड़न और शोषण के माध्यम से घटकर 5 प्रतिशत रह गए हैं। उन्होंने कहा कि इस समय हिंदू कश्मीरी की कुल संख्या 3300 है, जिसमें 808 परिवार शामिल हैं, जो 242 स्थानों पर फैले हुए हैं। इन पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने सभी बाधाओं के खिलाफ अभूतपूर्व साहस, दृढ़ संकल्प और संकल्प दिखाया है और पिछले 30 वर्षों से उत्पीड़न, अत्याचार और शत्रुता का डटकर सामना किया है। उन्होंने कहा कि संजय टिकू, संदीप कौल और अन्य सदस्यों के नेतृत्व में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने लगभग तीन दिन पहले से आमरण अनशन का दूसरा चरण शुरू किया है। पहले चरण में उपराज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा और एक सप्ताह के भीतर एक अंतिम बैठक होगी। हालाँकि, 50 दिनों से अधिक समय के बाद भी जब इस विषय पर कोई प्रगति नहीं हुई तो कश्मीरी पंडितों की समिति के पास आमरण अनशन के चरण 2 के लिए जाने का कोई विकल्प नहीं था। उनकी मांगें पूरी तरह तार्किक और उचित हैं, जिनको आसानी से यूटी सरकार पूरा कर सकती है। इसमें 800 परिवारों को मासिक वित्तीय सहायता, गैर-प्रवासियों को प्रवासी कल्याण कोष का विस्तार, माननीय न्यायालय के निर्देशों को लागू करना और नौकरियों के संबंध में गृह मंत्रालय की सिफारिशें, गृह मंत्रालय की सिफारिशों के अनुसार कश्मीर में गैर प्रवासियों के योग्य आवास का प्रावधान आदि शामिल हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अमरीक/बलवान-hindusthansamachar.in