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जम्मू-कश्मीर

कठुआ के एक मात्र रेलवे रोड़ की सफाई राम भरोसे, सीटीएम प्रबंधन करवा रही है आसपास के क्षेत्रों में सफाई

Raftaar Desk - P2

कठुआ, 28 फरवरी (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर यूटी सरकार द्वारा गांव को स्वच्छ बनाऐ रखने वाली नितियंा अब शुन्य नजर आ रही हैं। जी हंा कुछ ऐसा ही कहना है गोविंदसर गांव के लोगों का, गांवों के लोगों का कहना है कि शहर में तो सफाई कर्मचारी सफाई कर देते हैं, लेकिन गांवों की सफाई कौन करेगा। स्थनीय निवासी सुनिल शर्मा, राजेश, छव्वीला, शाम लाल, शेख्र, रोमी, राजकुमार आदि का कहना है कि रेलवे रोड़ पर स्थित चकराम सिंह औद्योगिक क्षेत्र से सटा है और ज्यादातर इस गांव में बाहरी राज्य के लोग रहते हैं जिसके कारण गांव में लोगों की संख्या ज्यादा होने के कारण गांव में सफाई का कोई इंतजाम नहीं है। उनका कहना है कि गांव गोविंदसर के लोग पिछले कुछ समय से कूड़ा-कर्कट खाली पडे़ प्लाॅटों या नालों में फैंक देते हैं, और बाद में इस प्लाट में पड़ी गंदगी से उठने वाली बदवू को शांत करने के लिए वहां पर आग लगानी पड़ती है, लेकिन जब कभी भी तेज हवा चलती है तो गंदगी उड़ कर गलियों में फैल जाती है या उनके घरों में खाली लिफाफे उड़ कर पहुंच जाते हैं। वहीं गांव के साथ सटी मार्केट के मालिक नंद लाल का कहना है कि गांव में सफाई नाम की कोई भी चीज नहीं है, गांव से सटी सीटीएम इकाई है जो नालों की सफाई करवा देती हैं और सीटीएम द्वारा कूडादान भी लगवाया गया है जिसे इकाई प्रबंधन द्वारा रोजाना साफ करवाया जाता हैं। उन्होंने कहा कि अगर सीटीएम सफाई ना करवाए, तो रेलवे रोड़ नरक बन जाऐ। वहीं गोविंदसर पंचायत के पूर्व सरपंच विजय पाद्या का कहना है इस वार भी गोविंदसर पंचायत में सरपंच के चुनाव नहीं हुए है जिसके चलते गांव का विकास भी कौसों दूर रह गया है। उन्होंने कहा कि इस वार भी डीसी कठुआ को चुनाव करवाने के लिए गुहार लगाई थी लेकिन गोविंदसर बी पंचायत इस वार भी विकास से वंचित रह गई। उन्होंने कहा कि सरकार ने सरपंचों के साथ मजाक किया है वे उनके अधिकारों पर खरी नहीं उतर रही है, उन्होंनें बताया कि सफाई और चैकीदार के लिए रूरल डिव्लपमेंट के उच्च अधिकारी के तरफ से एक नोटिस निकलता है जिसमें हर एक दुकानदार और घरों से दस रूपय से लेकर बीस रूपय तक की एक रसीद काटी जाती है जिससे उस पैसे से गांव की तरकी के लिए लगाऐ जाते हैं। लेकिन सरकार इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देती है जिसका हरजाना गांव के मासूम लोगों को चुकाना पड़ता है। उन्हांेनें बताया कि पिछले साल उन्हें पांच हजार रूपय सरकार की तरफ से सफाई के लिए मिले थे लेकिन पंचायत का क्षेत्रफल ज्यादा होने के कारण सिर्फ एक ही वार सफाई हो पाई है। पूर्व सरपंच विजय पाद्या ने बताया कि गोविंदसर बी पंचायत औद्योगिक क्षेत्र में निकट है और ज्यादातर लोग बाहरी राज्य से है, और उनकी इस परेशानी को समझने वाला कोई नहीं है, लेकिन फिर भी वह आस-पास की इकाइयों को कहकर सफाई करवा देते हैं। उन्होंनें यूटी सरकार से अपील की है कि गोविंदसर में भी चुनाव करवाए जाऐ, ताकि लोगों की समस्या का हल हो पाऐं। हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान