Ladakh issues change with time
Ladakh issues change with time Raftaar
जम्मू-कश्मीर

Lok Sabha Election: समय के साथ बदले लद्दाख के मुद्दे, मांगें पूरी करने वाला ही जीतेगा चुनाव

लद्दाख, (हि.स.)। अनुच्छेद 370 व 35ए हटाये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। कई वर्षों से लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाये जाने की मांग उठ रही थी, अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही पूरी हो गई। अब समय के साथ-साथ मांगें भी बदल गई हैं। नए मुद्दों के साथ नई मांगों को पूरा करने वाले उम्मीदवारों पर यहां के लोगों की ‘उम्मीद’ टिक गई है।

प्रमुख मांगें

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की लेह एपेक्स बाडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने लद्दाख के लोगों को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए भूमि अधिकारों के संरक्षण, लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य लोक सेवा आयोग का गठन व लोकसभा की दो सीटें बनाने के मुद्दे उठाना शुरू कर दिया है। दोनों संगठनों ने लद्दाख के इतिहास, रणनीतिक महत्व, पर्यावरण, उत्तर पूर्व के राज्यों के साथ समानता, जनजातीय बहुल क्षेत्र होने का दावा, सामुदायिक पहचान, इतिहास, संस्कृति के संरक्षण, लद्दाखी युवाओं को राजपत्रित पदों में समान अवसर देने के साथ गैर-राजपत्रित नौकरियों के संरक्षण को समय की मांग करार दिया है।

लोकसभा चुनावों में भी यही मुद्दे प्रमुखता से रहने वाले हैं और जीत उसी उम्मीदवार की तय होगी जो लद्दाख के इन मुद्दों को पूरा करने का दम भरेगा। इस संबंध में नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं और नतीजा न दिखने के कारण लद्दाख के लोगों में रोष व्याप्त है। उच्च स्तरीय बैठकों में गृह मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर मामलों के संयुक्त सचिव के साथ लद्दाख के उपराज्यपाल के सलाहकार डॉ. पवन कोतवाल भी हिस्सा ले चुके हैं।

लेह अपेक्स बॉडी व कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने उप समिति का गठन किया है, जिसके सदस्यों में लेह अपेक्स बाड़ी के थुप्स्तन छिवांग, छिवांग दोरजे, नवांग रिगजिन जोरा व कारगिल डेमोक्रेटिक अलांयस के कमर अली अखून, असगर अली करबलई व सज्जाद कारगिली हैं।

केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख एक नजर में

लोकसभा के 2014 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का पहली बार उम्मीदवार विजयी रहा और 2019 में भी भाजपा का इस सीट पर कब्जा रहा। लद्दाख लोकसभा सीट में 1,59,000 वोटर हैं। लद्दाख देश की एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है, जिसका क्षेत्रफल सबसे अधिक 173,26 वर्ग किलोमीटर है। 2019 में भारतीय जनता पार्टी के जम्यांग सेरिंग नामग्याल विजयी हुए थे। 1967 से लेकर 2014 तक कांग्रेस का उम्मीदवार, आजाद उम्मीदवार, कांग्रेस उम्मीदवार, नेशनल कांफ्रेंस उम्मीदवार और आजाद उम्मीदवार ही लद्दाख लोकसभा सीट से विजयी होते रहे हैं।

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