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जम्मू-कश्मीर

रमजान के पाक महीने में हुरियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक की मांग की

Raftaar Desk - P2

श्रीनगर, 16 अप्रैल (हि.स.)। ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस ने शुक्रवार को मीरवाइज मौलवी उमर फारुक की रिहाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि पाक रमजान के दौरान भी कश्मीर के प्रमुख मजहबी नेता को घर में नजरबंद रखा जाना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। मीरवाइज मौलवी उमर फारुक हुर्रियत के उदारवादी गुट के चेयरमैन हैं। हुर्रियत कांफ्रेंस ने आज अपने एक बयान में कहा है कि पाक रमजान के पहले शुक्रवार को एतिहासिक जामिया मस्जिद का मिंबर खाली रहा है, क्योंकि मीरवाइज मौलवी उमर फारुक घर में नजरबंद होने के कारण अपने मजहबी फर्ज को पूरा करने के लिए मस्जिद में नहीं आ सके। वह कश्मीर के सबसे बड़े मजहबी नेता हैं और जामिया मस्जिद में नमाज ए जुम्मा और अन्य अहम मौकों पर उनका खुतबा होता है। हुर्रियत कांफ्रेंस के मुताबिक, कोरोना महामारी के इस संकट में दुआ की सबसे ज्यादा जरुरत है,मीरवाइज मौलवी उमर फारुक को घर में नजरबंद रखे हुए 20 माह बीत गए हैं। सरकार का यह कठोर रवैया निंदनीय है। हुर्रियत चेेयरमैन को 4 अगस्त 2019 की रात को नजरबंद किया गया था। बीते साल नवबंर में जिला विकास परिषद क चुनावों के मद्देनजर उन्हें प्रशासन ने दोबारा नजरबंद बनाया था और 4 मार्च 2021 को उन्हें दोबारा रिहा करने का फैसला हुआ, लेकिन जामिया मस्जिद में हिंसक प्रदर्शनों के कारण यह टल गया।ं हिन्दुस्थान समाचार/बलवान