बोलने का मौका नहीं मिला, तो विपक्ष ने किया सदन से वाकआउट
बोलने का मौका नहीं मिला, तो विपक्ष ने किया सदन से वाकआउट 
हिमाचल-प्रदेश

बोलने का मौका नहीं मिला, तो विपक्ष ने किया सदन से वाकआउट

Raftaar Desk - P2

शिमला, 08 सितम्बर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोलने का मौका न दिए जाने से नाराज होकर विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया। मंगलवार को सदन में विपक्षी सदस्यों ने मांग की थी कि स्वास्थ्य मंत्री के बोलने से पहले कांग्रेस के सदस्यों को बोलने का मौका दिया जाए, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी यह बात नहीं मानी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को अपनी बात रखने के लिए कहा। इससे नाराज विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदन का समय बढ़ाया जाए और उनके सदस्यों को बोलने का मौका दिया जाए, लेकिन इस पर भी बात नहीं बनी और फिर विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गये। विपक्ष की सदन से वाकआउट की आलोचना करते हुए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में कहा कि विपक्ष इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर चर्चा से भाग रहा है। उन्होंने कहा कि अढ़ाई घंटे की चर्चा को दो दिन का समय दिया, लेकिन विपक्ष की भूमिका गैर जिम्मेदारा है। भारद्वाज ने कहा कि जब पांच बजे तक सारी चर्चा समाप्त करने की सहमति बनी थी, उसके बाद वे इससे मुकर गए। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने जिस पर चर्चा मांगी, उसी पर वे कंफ्यूज हैं। नेता प्रतिपक्ष को उनके बैक बैंच वाले भी नहीं सुन रहे और उनके ही दबाव में उन्हें बाहर जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य सदन छोड़कर गये हैं और यह वाकआउट नहीं है।इससे पहले चर्चा के दौरान सतापक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। चर्चा में भाग लेते हुए विधायक नंद लाल ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार की तरफ से पुरानी सरकार में किए कार्यों के रिबन काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फांचा पीएचसी में तो सरकार ने बिना बिजली-पानी के उद्घाटन तक कर दिया। उन्होंने सरकार से कोविड फंड के नाम पर एकत्र एवं खर्च की गई राशि को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि रामपुर अस्पताल में आज कोई भी वैंटिलेटर नहीं है। भाजपा विधायक सुभाष ठाकुर ने आरोप लगाया कि बिलासपुर में लॉकडाऊन में एक पूर्व विधायक ने नियमों को तोड़ा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आत्महत्या के एक मामले में पूर्व विधायक की संलिप्तता की जांच होनी चाहिए, क्योंकि आत्महत्या करने वाले व्यक्ति ने जान से मारने का खतरा होने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि इस मामले में सच्चाई सामने और दोषी पर कार्रवाई हो। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना संकटकाल में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पॉलिटिकल माइलेज लेने की कोशिश की है। वन मंत्री राकेश पठानिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता पॉलिटिकल स्कोर बनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना संकटकाल में 30 हजार करोड़ रुपय का घाटा होने पर भी विकास कार्यों को रुकने नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कोरोना संकट के दौरान जरुरतमंद लोगों को मास्क व राशन बांटने के अलावा खाना खिलाया, लेकिन कांग्रेस के नेता इस दौरान कहीं नजर नहीं आए। हिन्दुस्थान समाचार/उज्जवल-hindusthansamachar.in