पूर्व विस उपाध्यक्ष का निधन, पीजीआई में ली अंतिम सांस
पूर्व विस उपाध्यक्ष का निधन, पीजीआई में ली अंतिम सांस 
हिमाचल-प्रदेश

पूर्व विस उपाध्यक्ष का निधन, पीजीआई में ली अंतिम सांस

Raftaar Desk - P2

ऊना, 15 सितंबर (हि. स.)। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार पंडित राम नाथ शर्मा का इलाज के दौरान चंडीगढ़ में निधन हो गया। पंडित राम नाथ शर्मा गत कुछ समय से चंडीगढ़ में उपचाराधीन थे। तबीयत खराब होने के चलते उन्हें आईसीयू में भी भर्ती रखा गया ,मंगलवार सुबह करीब 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को ससम्मान कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के बरनोह में लाया गया ।जहां अंतिम दर्शनों के लिए पार्थिव देह को रखा गया है। परिवारिक सदस्यों ने बताया कि विधि विधान से अंतिम संस्कार 16 सितंबर को सुबह 11 बजे बरनोह में किया जाएगा ,तब तक उनका पार्थिव शरीर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए घर पर ही रहेगा। पंडित राम नाथ शर्मा अपने पीछे पत्नी, 2 पुत्र,बहुएं ,दो पुत्रियां छोड़ गए हैं ।उनके बड़े पुत्र विपिन शर्मा ने जो कि अपना कार्य करते हैं। वही उनके छोटे पुत्र विवेक शर्मा कुटलैहड़ कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष हैं और गत विधानसभा का चुनाव भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लड़ा है ।खुद पंडित राम नाथ शर्मा लंबे समय तक कुटलैहड़ में कांग्रेस के मजबूत ध्वजवाहक रहे है। पंडित रामनाथ शर्मा के निधन से जिला ही नही प्रदेश को एक योग्य नेता की कमी महसूस होगी। पंडित रामलाल शर्मा एक विचारक भी थे अनेक विषयों पर भी बेबाकी से अपनी राय भी रखते रहे है, उनकी प्रशासनिक पकड़ भी काफी मजबूत मानी जाती रही हैं पंडित राम नाथ शर्मा का जन्म 20 सितंबर 1944 को हुआ था ,उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही की और उसके बाद नेवी में ज्वाइन किया वहां से वापस आकर उन्होंने पंचायती राज्य संस्था में अपना हाथ आजमाया और 1977 में पंडित राम नाथ शर्मा जनता पार्टी की तरफ से पहली बार विधायक का चुनाव जीते और वन कारपोरेशन पर चेयरमैन भी रहे। उसके बाद पंडित रामनाथ शर्मा ने कांग्रेस का दामन थामा और 1985 से 90 तक फिर से विधायक करें। इस दौरान विधानसभा के उपाध्यक्ष भी चुने गए ।पंडित रामनाथ शर्मा ने कुटलैहड़ में कांग्रेस को एकजुट रखने के लिए भरसक मेहनत की, लेकिन 1998 में उनके इस सपने को धक्का लगा, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा फिर ,कुछ समय के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी का फिर से दामन थामा। हिन्दुस्थान समाचार/विकास/सुनील-hindusthansamachar.in