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हिमाचल-प्रदेश

धर्मशाला-मैकलोड़गंज की महत्वाकांक्षी रोप-वे परियोजना के ट्रायल की तैयारी शुरू

Raftaar Desk - P2

धर्मशाला, 23 अप्रैल (हि.स.)। पयर्टन नगरी धर्मशाला-मैकलोड़गंज के लिए तैयार हुई महत्वाकांक्षी रोप-वे परियोजना के ट्रायल की तैयारी शुरू हो गई है। इस परियोजना का इसी माह के अंत में या फिर मई के पहले सप्ताह तक ट्रायल पूरा कर लिया जाएगा। रोप-वे बना रही कंपनी ने गंडोला फिट कर अपनी टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया है। कंपनी अपने दावों के अनुसार मई माह में रोप-वे परियोजना को चालू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। तकनीकी कार्य के अलावा कुछ काम अभी चल रहा है। जिसे भी पूरा करने के प्रयास चल रहे हैं। बहुप्रतीक्षित रोप-वे परियोजना के शुरू होने से पहाड़ी राज्य हिमाचल के धर्मशाला को पर्यटन कारोबार को पंख लगेंगे। यहां आने वाले सैलानियों की संख्या में इस परियोजना के चालू होने के बाद और इजाफा होगा। जिससे होटल रेस्तरां से लेकर पयर्टन व्यवसाय से जुड़े तमाम लोगों को फायदा होगा। इस परियोजना के चालू होने से सबसे बड़ा फायदा यातायात समस्या से निजात होगा। धर्मशाला से मैकलोड़गंज की ओर जाने वाले पयर्टकों के लिए रोप-वे सबसे अच्छा विकल्प होगा। गौरतलब है कि 13 फरवरी 2015 को सरकार से इस परियोजना को मंजूरी मिली थी। एमओयू के अनुसार, टेक ऑफ प्वाइंट के पास पार्किंग का निर्माण सरकार द्वारा स्माार्ट सिटी परियोजना के तहत किया जाना था। आठ जून 2015 को टाटा इंफ्रास्ट्रक्चर एंड रियलटी लिमिटेड को पत्र जारी किया गया था। जबकि परियोजना का नींव पत्थर 16 जनवरी 2016 को रखा गया था। पहली जून 2017 को वन एवं पर्यावरण की ओर मंजूरी दी गई थी। उसके बाद फाइनल अप्रूवल 2019 में मिली। उधर पर्यटन विभाग की उपनिदेशक सुनयना शर्मा का कहना है कि रोप-वे परियोजना का ट्रायल इसी माह अंत में या फिर मई के पहले सप्ताह से किया जाएगा। कंपनी ने गंडोला फिट कर टेस्टिंग शुरू की है। कंपनी की तैयारी पूरी होने पर विभाग सहित तकनीकी कमेटी ट्रायल करवाएगी। पर्यटन के लिए यह महत्वाकांक्षी परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। रोप-वे परियोजना पर्यटकों को आकर्षित करने का अब कांगड़ा में बड़ा केंद्र बनेगा। नौ मिनट में पूरा होगा धर्मशाला-मैकलोड़गंज का सफर 1.75 किलोमीटर लंबी इस रोप-वे परियोजना पर 144.90 करोड़ की लागत आएगी। टाइप-मोनो-केबल डिटेचेबल गोंडोला सिस्टम की इस परियोजना के लिए धर्मशाला से मैकलोड़गंज तक 13 टाॅवर लगाए गए हैं। वहीं केबिनों की संख्या 18 से 24 के बीच रहेगी। एक घंटे में करीब एक हजार लोग इस सुहाने सफर का मजा ले पाऐंगे। सड़क मार्ग से करीब 11 किलोमीटर के सफर को सिफ नौ मिनट में पूरा किया जा सकेगा। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील