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हिमाचल-प्रदेश

हिमाचल विधानसभा : नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित पांच कांग्रेस विधायक पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित

Raftaar Desk - P2

शिमला, 26 फरवरी (हि.स.)। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और उनके अंगरक्षकों के साथ धक्का-मुक्की करने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस के 5 विधायकों को पूरे बजट सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है। राज्यपाल के साथ घटे घटनाक्रम के बाद विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने नियम-346 के तहत सदन की बैठक फिर से बुलाई, जिसमें इन विधायकों को पूरे बजट सत्र के लिए सदन से निलंबित करने का फैसला लिया गया। निलंबित विधायकों में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के अलावा हर्षवर्धन चैहान, सुंदर ठाकुर, विनय कुमार और सतपाल रायजादा शामिल हैं। इस संबंध में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने नियम-319 के तहत प्रस्ताव पेश किया जिसे विपक्ष की मौजूदगी में सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि हिमाचल विधानसभा के इतिहास में ऐसी घटना कभी नहीं हुई। उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि यदि उसमें हिम्मत है तो वह सत्तापक्ष से लड़ें। उन्होंने कहा कि आज घटी घटना से देवभूमि हिमाचल शर्मसार हुई है, क्योंकि जो राज्यपाल के साथ हुआ वैसा हिमाचल ही नहीं बल्कि देश में भी नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने विरोध की सारी सीमाएं लांघी है। उन्होंने विपक्ष पर कड़े प्रहार किए और कहा कि वे जमीन पर रहें, नहीं तो लोग उन्हें जमीन में ही दफन कर देंगे। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की गाड़ी को तोड़ने और उनके साथ धक्का-मुक्की की घटना को सुनियोजित हमला करार दिया और कहा कि इस तरह की किसी भी घटना को सहन नहीं किया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि इस घटना से सदन की मर्यादा को ठेस पहुंची है, वह असहनीय है। उन्होंने इस घटना के जिम्मेदार विधायकों के खिलाफ विधानसभा के नियमों और कानूनों के तहत कार्रवाई करने को भी कहा। इसी मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि विपक्ष ने सदन की श्रेष्ठ परंपराओं को तोड़ा है और वह इसकी कड़ी आलोचना करते हैं। इसी मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने न केवल विधानसभा की परंपराएं तोड़ी हैं बल्कि संविधान का भी उल्लंघन किया है। इसलिए दोषी विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि आज की घटना से देवभूमि हिमाचल देशभर में शर्मसार हुई है। मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर और खाद्य व आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि विधानसभा के इतिहास में इससे शर्मनाक घटना नहीं हो सकती। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील